Comments (7)
21 Jun 2020 10:38 AM
अतिसुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति।
धन्यवाद !
Seema katoch
Author
21 Jun 2020 03:42 PM
Thanks ji
21 Jun 2020 08:40 AM
वाह वाह
अति सुन्दर
स्वतंत्र अस्तित्व ,उन्मुक्त आचरण, मन की चाह होती है और बन्धन सिर्फ प्रेम के धागों का होता है ,मजबूरी की बेड़ियों का नहीं।
मयूर के मनमोहक नृत्य का आनन्द लेना है तो नैसर्गिक वातावरण में ही मिलेगा, चिड़ियाघर की कैद में नहीं।
शब्दों में केसर सी महक और शहद सी मिठास बसा कर सम्बन्धों के ताने बाने को कितनी सहजता से बुना जा रहा है कि सब कुछ आप बीती सी लगती है।
बधाई व शुभकामनाये।
Seema katoch
Author
21 Jun 2020 03:43 PM
Thanks ji,,,,
29 Jun 2020 10:00 PM
तुम और मैं****4 की प्रतीक्षा है
सादर
Wow
Thanks ji