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Comments (4)

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25 Sep 2020 10:49 PM

बहुत सुंदर

अपने सीने में
चान्द का अक्स
लिये, इतरा रहा
था समुद्र !

और दूर कहीं
अपनी शरारत
पर मुस्करा रहा
था चन्द्र !!

26 Sep 2020 03:28 PM

Bahut badhiya

ग़र लाख कोशिश करे आसमां छूने की कामय़ाब नहीं होता।
ये भुला वो तो ज़मीं का है , उसे आसमां नहीं मिलता।

श़ुक्रिया !

26 Sep 2020 03:29 PM

Thanks ji

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