Comments (4)
25 Sep 2020 08:58 AM
ग़र लाख कोशिश करे आसमां छूने की कामय़ाब नहीं होता।
ये भुला वो तो ज़मीं का है , उसे आसमां नहीं मिलता।
श़ुक्रिया !
Seema katoch
Author
26 Sep 2020 03:29 PM
Thanks ji
बहुत सुंदर
अपने सीने में
चान्द का अक्स
लिये, इतरा रहा
था समुद्र !
और दूर कहीं
अपनी शरारत
पर मुस्करा रहा
था चन्द्र !!
Bahut badhiya