अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि Tag: ग़ज़ल/गीतिका 127 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 7 Nov 2023 · 1 min read मां -सही भूख तृष्णा खिलाया सदा छंद-वाचिक भुजंगी/शक्ति (मापनी युक्त) १२२ १२२ १२२ १२ *मां* सही भूख तृष्णा खिलाया सदा । अमिय प्यार से ही पिलाया सदा।। (१) बिना वस्त्र काटे सकल रैन भी सुनहला वसन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 146 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 4 Nov 2023 · 1 min read योग योग की नित साधना में मन लगाना चाहिए। हो गई है भोर तो अब जाग जाना चाहिए।(१) शीत ने दस्तक लगाई है दरों पर आपके, है बहुत मौसम सुहाना क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 122 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 29 Oct 2023 · 1 min read इश्क तो कर लिया कर न पाया अटल #गीतिका आधार छंद - वाचिक स्रग्ग्विणी 212 212 212 212 वक्त चलता रहा सोचते रह गये। बोल पाये नहीं बोलते रह गये।।(१) वो गली से हमारी रहे थे गुजर, रोक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 80 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 29 Oct 2023 · 1 min read जीवन तो बहती दरिया है-काल चक्र का सर्प सदा ही हमको है डसता दिनांक -२८/१०/२३ #गीतिका छंद -विष्णु पद मापनी - २६ मात्रिक (मापनी मुक्त)१६,१० पर यति समांत - आना , पदांत -है जीवन तो बहती दरिया है, बहते जाना है। सुख दुख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 93 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 29 Oct 2023 · 1 min read तुम्हारे ओंठ हिलते हैं विधाता छंद हॅसीं तुम हो जवाॅ तुम हो अदा हर कातिलाना है। टिका लो तुम नजर जिस पर वही बंदा दिवाना है।।(१) तुम्हारे ओंठ हिलते हैं जुबाॅ से फूल झरते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 32 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 29 Oct 2023 · 1 min read फूल से खुश्बू महकना चाहिए आनंदवर्धक छंद २१२२ २१२२ २१२ विश्व में संग्राम रुकना चाहिए। दिल किसी का अब न दुखना चाहिए।।(१) बिछ चुकीं ल्हाशें अभी तक अनगिनत, शांति से ही हल निकलना चाहिए।(२) लोग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 92 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 28 Oct 2023 · 1 min read खूब रोया अटल हिज्र में रात भर दिनांक २६/१०/२३ विधा -गीतिका समांत -अने पदांत -लगा देखिए छंद -स्रिग्वणी वाचिक २१२ २१२ २१२ २१२ रूप यौवन उभरने लगा देखिए। अब अटल भी सॅवरने लगा देखिए।।(१) इश्क चढ़कर नशा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 150 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 26 Oct 2023 · 1 min read फूल खुश्बू के हों वो चमन चाहिए गीतिका आधार छंद -स्रिग्वणी (वाचिक) मापनी २१२ २१२ २१२ २१२ समान्त- अन पदान्त - चाहिए फूल खुश्बू के हों वो चमन चाहिए । हर तरफ शांति हो वो जतन चाहिए।।१)... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 68 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 26 Oct 2023 · 1 min read जिंदगी ढल गई डोलते रह गये कर न पाये कभी सोचते रह गये। वक्त की चाल पर देखते रह गये।।(१) वो गली से हमारी रहे थे गुजर, रोक पाये नहीं बोलते रह गये।(२) बात उनकी हमें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 140 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 20 Oct 2023 · 1 min read मनाओ मातु अंबे को गुरु वार -२०/१०/२३ आधार छंद -विधाता समांत -आन,पदांत -से पहले मनाओ मातु अंबे को,किसी भी गान से पहले।। रचो कुछ छंद ऐसा तुम ,अमुक पहचान से पहले।।(१) करो बर्बाद मत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 183 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 9 Oct 2023 · 1 min read सारे दूर विषाद करें रविवार, 08.10.2023 #गीतिका आधार छंद- लावणी विधान- ३० मात्रा. १६,१४ पर यति, अंत गुरु पदांत- करें समांत- आद ना छोड़ें छोटी खुशियों को,आओ अब आह्लाद करें। दुख तो हमें मिलेंगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 92 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 6 Oct 2023 · 1 min read सदाचार है नहिं फलदायक शुक्रवार, दिनांक-06/10/2023 आधार छंद-' आल्ह/वीर ' छंद मापनीयुक्त मात्रिक विधान- 31 मात्राभार, 16,15:पर यति, चरणांत गाल अनिवार्य. समांत-' उनता ', पदांत-' कौन ' ********************************************** गीतिका- जिन राहों पर नहीं सफलता,ऐसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 86 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 23 Sep 2023 · 1 min read आदमी की जिंदगी 17.9.23, रविवार गीतिका छंदाधारित गीतिका ( मापनी युक्त मात्रिक,26 मात्राएं, मापनी - 2122 2122 2122 212) यति 14,12 पर या 12,14 पर समांत - ई, पदांत - है आदमी की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 46 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 18 Sep 2023 · 1 min read जिंदगी तो अब उसे ये पुष्प बेला सी लगी 18/9/2023 गीतिका छंदाधारित गीतिका ( मापनी युक्त मात्रिक,26 मात्राएं, मापनी - 2122 2122 2122 212) यति 14,12 पर या 12,14 पर समांत - ई, अपदांत #गीतिका # आदमी की जिंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 86 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 17 Sep 2023 · 1 min read मुझको अच्छी लगी जिंदगी एक लंबे अंतराल के बाद, सभी सुधि साहित्य प्रेमियों के समक्ष सादर संप्रेषित है एक रचना 🙏🌹🙏 १७/९/२३ #जिंदगी # सुख से दुख से भरी जिंदगी। झपकी भर नहिं रुकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 92 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 7 Jan 2023 · 1 min read जिंदगी फूल है और कुछ भी नहीं जिंदगी फूल है और कुछ भी नहीं। जिंदगी शूल है और कुछ भी नहीं। राह कांटों भरी देख हमने लिया जिंदगी हूल है और कुछ भी नहीं। कायदे हैं बहुत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 156 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 1 Dec 2022 · 1 min read कत्ल श्रृद्धा का हुआ तो मर गया संसार भी हैं निगाहें बंद लेकिन दिख रहा इज़हार भी। ना नुकर सी है मगर वो कर रहे इकरार भी।।(१) इश्क मर्यादित रहे नित सोच सबकी है यही, कर रहे इजहार लेकिन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 120 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 27 Oct 2022 · 1 min read लगता दीवाली आई साफ सफाई शुरू हुई तो, लगता है दीवाली आई। तोरण वंदनवार सजे तो,लगता दीवाली आई।। घर द्वारों पर दिखतीं लड़ियां, जगमग जगमग चमक रहीं, और रोशनी से न्हाये घर,लगता दीवाली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 242 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 11 Oct 2022 · 1 min read रावण तो हर साल जला पर, क्या रावण मर पाया है । सुप्रभात मित्रो! प्रस्तुत है एक रचना विधा -गीतिका छंद -लावणी #रावण तो हर साल जला पर, क्या रावण मर पाया है # द्वेष-दंभ पाखण्ड छल-कपट, क्या हमने बिसराया है। गलती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 180 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 16 Sep 2022 · 1 min read हमारा मान है हिंदी मंच को नमन! हमारा मान है हिंदी हमारी शान है हिंदी। बसी हर स्वांस में हरपल हमारा प्रान है हिंदी। ।(1) बिना इसके अधूरी है ग़ज़ल गीतों की हर माला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 127 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 20 Aug 2022 · 1 min read जिंदगी में जो मिला सब खास 20/8/2022 आधार छन्द- मनोरम गाल(मापनी युक्त मात्रिक) 17 मात्रा मापनी- गालगागा गालगागा गाल समान्त- आस अपदान्त ******************************************** गीतिका जिंदगी में जो मिला सब खास। हर घड़ी ही हो रहा आभास।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 242 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 15 Aug 2022 · 1 min read तीन रंग का ये तिरंगा छंद-गीतिका तीन रंग का ये तिरंगा ही हमारी शान है। इस तिरंगे की जगत में भी अलग पहचान है। झुक न पाया ये कभी भी दुश्मनों और के बीच में,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 258 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 13 Aug 2022 · 1 min read भव सागर से पार, मुझे माता करना शनिवार, 13-08-2022 आधार छंद- मंगलमाया (मापनीमुक्त मात्रिक) विधान- 22 मात्रा, 11-11 पर यति, गाल-यति-लगा समान्त- अना, अपदान्त। विधा - गीतिका मातु शारदे आज, सरस झोली भरना। सिरजन में हो सार,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 194 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 13 Aug 2022 · 1 min read आस्मां में उड़े तिरंगा है छंद-पारिजात 2122 1212 22 मेरे भारत का ऐसा रुतबा है। आस्मां मे उड़े तिरंगा है।।(1) दुश्मनों को चटाता धूल सदा, शूरवीरों को पथ दिखाता है। (2) कहते थे वो सपेरों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 96 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 10 Aug 2022 · 1 min read छल दंभ द्वेष 16+10 विष्णुपद छंद दुनिया का दुनियावी ड्रामा, मुझे नहीं भाया। छल दंभ द्वेष पाखंड दिखावा, मुझे नहीं भाया। कहने को तो कभी- कभी मैं, भी माडर्न बना, लेकिन दुनिया का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 157 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 25 Jul 2022 · 1 min read गीत गजलों की महफ़िल सजा दीजिए गीत गजलों की' महफ़िल सजा दीजिए। छंद कोई अनोखा सुना दीजिए।। (1) आज महफ़िल रंगी काव्य के रंग में, आप भी रंग अपना दिखा दीजिए ।(2) सख्त बंजर जमीं है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 237 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 3 Jul 2022 · 1 min read पद्धरि छंद छन्द *पद्धरि* पर आधारित मात्रा 16 प्रारम्भ गुरु से अन्त -भान(121) हे कमल नयन सुन ले पुकार । मैं विनती करता बार -बार। १। है झूठ फला जग में अपार।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका 1 189 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 19 Jun 2022 · 1 min read कौन बड़ा चमचा है गीतिका समारोह - 364 शनिवार, दिनांक - 18/06/2022 आधार छंद -लावणी चौ+मा16+14 समांत -आते पदांत -हो ------------------------------------------ अग्निपथ योजना के विरोध में की जा रही हिंसा व एक राजनैतिक पार्टी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 225 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 18 Jun 2022 · 1 min read आग लगाकर हाथ सेंकते,उन लोगों से दूर रहो कविता लोक गीतिका समारोह- 364, दिनांक-१८/६/२०२२ आधार- लावणी(चौपाई+मानव छन्द) मापनीमुक्त मात्रिक विधान -30 मात्रा ,16 ,14 पर यति ,अंत में वाचिक गा समान्त-ओं, पदान्त-से दूर रहो ,================================== आग लगाकर हाथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 301 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 18 Jun 2022 · 1 min read देश भरा है जयचंदो से कर्मयोग करते जो मन से,कंचन बन जाते हैं तपकर। कंटक हों राहों में कितने, करें सामना वो नित डटकर।।१ सीमाओं की करें सुरक्षा,जान छिड़कते हैं पल -पल वो, अमर स्वत:... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 115 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 26 May 2022 · 1 min read सगे जो हैं सगों ने ही सताया है सिंधु छंद १२२२ १२२२ १२२२ समय की चाल ने हर पल चलाया है। सगे जो हैं सगों ने ही सताया है।। समय की क्रूरतम घातक हवाओं ने, तृणों की भांति... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 128 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 26 May 2022 · 1 min read उलझता ही रहा हूं मैं १२२२ १२२२ १२२२ १२२२ समय के ताप में तपकर,निखरता ही रहा हूं मैं।। भले कंटक मिले मुझको,संभलता ही रहा हूं मैं।। कभी मैंने नहीं सोचा, कहां से पाउॅगा राहें, डगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 191 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 10 May 2022 · 1 min read आग जो लग रही है बुझाओ इसे स्रिवणी छंद विधा-गीतिका मापनी२१२ २१२ २१२ २१२ वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखें 🙏💐🙏 आग जो लग रही है बुझाओ इसे। देश पीछे हुआ जो बढाओ इसे।।(१) वक्त गुजरा बहुत आपसी रंज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 131 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 22 Apr 2022 · 1 min read बेवजह ही कट रही है आदमी की जिंदगी कुछ सवालों में घिरी है आदमी की जिंदगी। अब बवालों में फंसी है आदमी की जिंदगी।।(१) आदमी ही आदमी से कर रहा है अब दगा, आग नफरत की बनी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 127 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 18 Apr 2022 · 1 min read यूक्रेन व रूस के बीच हो रहे विध्वंशकारी युद्ध के संदर्भ में 🕉️🕉️ 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 रविवार-सोमवार(१७/१८अप्रैल2022) ************************* यूक्रेन व रूस के बीच हो रहे विध्वंशकारी युद्ध के परिप्रेक्ष्य में देखें एक सजल 🙏 उलझा-उलझा यह जीवन है। चिंता से चिंतित जन-मन है।। सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 90 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 15 Apr 2022 · 1 min read दुनिया एक बसेरा है "हाकलि छंद"१४मात्रिक,अंत में गुरु दुनिया एक बसेरा है। थोड़े दिन का डेरा है।।(१) माया रूपी जाल बिछा, भ्रम ने हमको घेरा है।(२) अंधकार के बादल ये, चारों तरफ अंधेरा है।।(३) भूल गया असली मकसद,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 126 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 15 Apr 2022 · 1 min read वसंत की छटा हाकलि छंद १४मात्रिक चरणांत-गुरु वसंत की छटा पर एक सजल/गीतिका झूम रही तरु डाली है। पेड़ों पर हरियाली है।।(१) अमुआ बौर महकता ये, गाती कोयल काली है।(२) दिग-दिगंत में पुष्प... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 130 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 19 Mar 2022 · 1 min read होली का हुड़दंग होली का हुड़दंग मचा है,देखो कितना होली में। मजनूं बनकर नाच रहे हैं,दीवाने सब टोली में।। छत पर खड़ी प्रेयसी सोचे, रंग लगाऊं कैसे मैं, अंगना में मम्मी पापा हैं,बोलूं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 355 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 15 Mar 2022 · 1 min read तितलियों ने बाग में डाला बसेरा आज है। तितलियों ने बाग में डाला बसेरा आज है। सृष्टि की यौवन कला का ये तो बस आगाज है। मस्त भंवरे मस्त होकर गाभ का चुंबन करें, पेड़ की कोंपल लताओं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 160 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 8 Mar 2022 · 1 min read जिंदगी प्यार का एक अहसास है ‘यह जीवन है' ( होली विशेषांक ) एक गीतिका =========================== 212. 212 212 212 जिंदगी प्यार का एक अहसास है। जिंदगी में सदा मुख्य विश्वास है। प्यार के कुछ बिना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 199 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 11 Jan 2022 · 1 min read दिल मिलें ना मिलें वर्तमान परिस्थितियों पर देखें एक गीतिका ? दिल मिलें ना मिलें हाथ लेकिन मिलाते रहे लोग हैं। सामने से भले पीठ खंजर चुभाते रहे लोग हैं।(१) प्यार सबको दिखाते सदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 255 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 9 Jan 2022 · 1 min read मन में इक आशा जगी मन में इक आशा जगी,नई भोर के संग। मौसम भी पालक बना,धारे अनुपम रंग।। लाल लालिमा सूर्य की,करती नव संचार। आशा में फड़कें सहज,वृद्ध कृषक के अंग। कुहरा बादल सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 165 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 31 Dec 2021 · 1 min read सुन लो दिग्पाल छंद २२१ २१२२/ २२१ २१२२ सुन लो प्रभू हमारे,हम दास हैं तुम्हारे। किरपा सदा रही है ,सब काज ही संवारे।। तूने किया सतत ही, इस दास का भला है,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 330 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 28 Oct 2021 · 1 min read चल रहा है आज देखो खून का ये सिलसिला २१२२ २१२२ २१२२ २१२ गीतिका छंद चल रहा है आज देखो खून का ये सिलसिला। दे रहे हैं घाव खुद ही और करते हैं गिला।। बो रहे हैं बीज नफरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 174 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 28 Oct 2021 · 1 min read दंभ द्वेष भूलकर समान मान दीजिए २१×७+२ चामर वर्णिक छंद दंभ द्वेष भूलिए समान मान दीजिए। मौत भूख से न हो उपाय आप कीजिए।। पुण्य कर्म से सदा अवश्य पुण्य लीजिए। और का भला करो सुवास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 194 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 28 Oct 2021 · 1 min read दुश्मनी की कर्क रेखा इक खिंची है २१२२ २१२२ २१२२ प्रेम के दुश्मनी की कर्क रेखा इक खिंची है बस महज दुर्भावना दुर्भावना है। शांति का हो सतत ही संचार जग में, अब न कोई दीखती संभावना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 165 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 21 Oct 2021 · 1 min read मिला मौका ये'किस्मत से हमें अब प्यार करने दो। दिनांक-२१/१०/२१ छंद-विधाता विधा-गीतिका समांत-आर पदांत-करने दो। मिला मौका ये' किस्मत से हमें अब प्यार करने दो। नहीं रोको अभी हमको हमें इज़हार करने दो।।(१) दिया है साथ हर पल ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 224 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 21 Oct 2021 · 1 min read शरद पूर्णिमा शरद पूर्णिमा पर सृजित गीतिका छंद-गीतिका श्वेत चंदा चांदनी अरु ये खुला आकाश है। आ गया मौसम सुहाना हो रहा आभास है। पूर्णिमा है ये शरद की शीत की दस्तक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 202 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 4 Oct 2021 · 1 min read गीत गजल या गीतिका लिखिए मन भरपूर मंच को नमन! ४/१०/२१ काव्य तरंगिणी पटल विधा -गीतिका छंद-दोहा गीत,गजल या गीतिका,लिखिए मन भरपूर। मन के सब संताप को,रखिए हिय से दूर।(१) भाव बहें जल धार से,निर्मल,स्वच्छ अपार, हिय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 214 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 20 Sep 2021 · 1 min read नाच रहे हैं कान्हा- दाऊ २०/९/२१ छंद-सार विधा-गीतिका १६+१२=२८ अंत में दो गुरु नाच रहे हैं कान्हा दाऊ,खेल रहे हैं होली। सॅग में राधा नाच रहीं हैं,नाच रही सॅग टोली।।(१) रॅग भर-भर पिचकारी मारें,सब हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 314 Share Page 1 Next