अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि Tag: ग़ज़ल/गीतिका 127 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 9 Sep 2021 · 1 min read आंख अपनी चुराना नहीं चाहिए। २१२ २१२ २१२ २१२ प्यार झूठा दिखाना नहीं चाहिए। आंख अपनी चुराना नहीं चाहिए।। प्यार करते रहो निर्बलों से सदा आंख उनको दिखाना नहीं चाहिए। तुम मदद खुद किसी की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 258 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 1 Aug 2021 · 1 min read मन के द्वेष मिटाने हों गे मन के द्वेष मिटाने होंगे विधा-गीतिका प्रदत्त समान्त -आने पदान्त -होंगे,अन्त में २गुरु सममात्रिक,मात्रा-१६ मन के द्वेष मिटाने होंगे। पग उस ओर बढ़ाने होंगे।।(१) जो भी रूठे हैं, होली में,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 508 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 31 Jul 2021 · 1 min read सांच को आंच होती नहीं था सुना २१२ २१२ २१२ २१२ लोग बहके हुए से इधर दीखते। लोग बहके हुए से उधर दीखते।।(१) नित्य पहने हुए जो धवल वस्त्र हैं, लोग उससे सदा ही इतर दीखते।।(२) काम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 190 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 5 Jul 2021 · 1 min read दो सुकूं के ही पल अब दिला दीजिए 212 212 212 212 क्या खता है मिरी अब बता दीजिए। है खता गर मिरी तो सजा दीजिए।। प्यास बढती ही जाती है पल पल मिरी, अब तो आंखों से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 356 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 25 Jun 2021 · 1 min read भेष में इंसान की हैवानियत है आज विधा: गीतिका रस-हास्य आधार छंद --रूपमाला समांत- आस ,अपदांत मापनी--- 2122 2122 2122 21 वक्त की काली घटा का हो रहा आभास। फूल थे खुशबू भरे जो हो रहे निर्वास।।(१)... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 214 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 23 Jun 2021 · 1 min read झूठ के पाखंड से सत्य पथ हारा नहीं विधा-गीतिका आधार छन्द-गीतिका समान्त-आरा पदान्त-नहीं ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;; झूठ के पाखंड से ये सत्यपथ हारा नहीं। सत्य ही जीता हमेशा झूठ को चारा नहीं। हों जतन चाहें भी कितने झूठ नित टिकता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 411 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 23 Jun 2021 · 1 min read प्यार के गीत गाने लगे २१२ २१२ २१२ प्यार के गीत गाने लगे। स्वप्न में वो जगाने लगे।। वक्त ऐसा हुआ खुशनुमा, लफ्ज उनके तराने लगे। कट गयी रात काली सहज, बात वो जो सुनाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 362 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 20 Jun 2021 · 1 min read लौट पहलू में अब तुम सनम आइए। २१२ २१२ २१२ २१२ लौट पहलू में अब तुम सनम आइए। हमको इतना न अब और तड़फाइए।।(१) वक्त कटता नहीं है तुम्हारे बिना, अब चले आइए अब चले आइए।(२) हुश्न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 237 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 19 Jun 2021 · 1 min read बोल अंधेरों पे आ गुनगुनाने लगे छंद-वाचिक स्रग्विणी २१२ २१२ २१२ २१२ बोल अधरों पे' आ गुनगुनाने लगे। प्यार की बोलियां ही सुनाने लगे।। खुल गईं खिड़कियां आज सब प्यार की, शब्द दिल की दशा ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 317 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 19 Jun 2021 · 1 min read विष्णु आते न अवतार में। महालक्ष्मी छंद (वाचिक) २१२ २१२ २१२ झूठ होता न आचार में। कष्ट होता न संसार में।। अर्थ की यदि न होती ललक होड़़ होती न व्यवहार में। प्रीति होती जहां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 246 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 18 Jun 2021 · 1 min read बेवफा बेवजह मत गिला कीजिए २१२ २१२ २१२ २१२ बेवफा बेवजह मत गिला कीजिए। एक कारण हमें भी बता दीजिए। हुश्न पाकर कभी मत करो तुम गुमां, प्यार का जज्ब थोड़ा सा पी लीजिए। हुश्न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 542 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 14 Jun 2021 · 1 min read कहां गायब हुए हो तुम कन्हैया लौट अब आओ 'आयो नंदगोपाल सभी देशवासियों को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई व अशेष शुभकामनाएं। मंच को सादर निवेदित गीतिका ??? छंद:विधाता कहां गायब हुए हो तुम कन्हैया लौट अब आओ। बिछाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 280 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 14 Jun 2021 · 1 min read पीत चुनरिया पीत वसन है गीतिका ****** पीत चुनरिया पीत वसन हैं। फूलों से सज्जित उपवन हैं। फूलों पर मंडराते फिरते, मनमौजी भंवरों के मन है। पीली सरसों के महकाते, मन को भाते खेत सघन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 723 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 14 Jun 2021 · 1 min read मुंह पर मास्क लगाकर प्यारे,घर से बाहर जाना होगा। आधार छंद चौपाई, भार 16 प्रदत्त समान्त..... आना प्रदत्त पदान्त...... होगा #गीतिका ******** अनुशासन अपनाना होगा। सबको यह समझाना होगा।।(१) मन में दृढ विश्वास रखो अब, भय आतंक मिटाना होगा।।(२)... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 201 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 3 Jun 2021 · 1 min read जफा मेरा बताओ(मजदूर की व्यथा) विषय: मजदूरों की व्यथा(एक यक्ष प्रश्न) विधा -गीतिका मापनी १२२२,१२२२,१२२२,१२२ समान्त -आओ ! पदान्त-० नहीं मुझ पर करो किरपा नहीं अहसां दिखाओ। गरीबी में पला हूं मैं जफा मेरा बताओ।(१)... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 279 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 3 Jun 2021 · 1 min read मझधार में कश्ती है ना ठोर ठिकाना है ग़ज़ल/गीतिका दिनांक ३/६/२१ *वाद्विभक्ती* 24 मात्रिक, मापनीयुक्त २२१ १२२२/२२१ १२२२ मझधार में कश्ती है ना ठोर ठिकाना है। मिलते थे मुहब्बत से गुज़रा वो ज़माना है।(१) अब लोग लगे खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 500 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 2 Jun 2021 · 1 min read है ये मौसम हंसी और मैं भी जवां विधा-गीतिका छंद-स्रग्विणी वाचिक (मापनी युक्त) मापनी २१२ २१२ २१२ २१२ समांत-आ पदांत-दो पिया मेरे केशों में गजरा सजा दो पिया। मेरे सीने में इक लौ जगा दो पिया।।(१) प्यार पाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 425 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 2 Jun 2021 · 1 min read तेरे अधरों पे लिख दूं नया गीत मैं ग़ज़ल/गीतिका छंद-वाचिक स्रग्विणी २१२ २१२ २१२ २१२ तेरे अधरों पे लिख दूं नया गीत मैं। हार में अपनी लिख दूं तिरी जीत मैं।।(१) प्यार बनकर बहूं बस फिजाओं में अब,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 249 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 1 Jun 2021 · 1 min read उनकी युॅ बेरुखी से दिल बेकरार होता पटल को नमन! ११२१ २१२२ ११२१ २१२२ उनकी युॅ बेरुखी से दिल बेकरार होता। इस यार को ज़रा ना अब इंतजार होता।।(१) सुनसान रात में ये दिखती विरानगी है यदि... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 320 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 29 May 2021 · 1 min read अपने पथ पर अटल जिंदगी छंद-सिंह विलोकित विधा -गीतिका मात्रिक ८,८या १०,६(१६ मात्रिक) उलझी उलझी बंधी जिंदगी। चक्रवात में, फंसी जिंदगी।।(१) पतझर सावन सबको सहकर, धूप-छांव में पली जिंदगी।(२) रिश्ते-नातों के मानक पर पूरी-पूरी कसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 413 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 29 May 2021 · 1 min read घुट रही है सांस पल -पल छंद-मनोरम (मात्रिक,मापनीयुक्त) २१२२ २१२२ घुट रही है सांस पल -पल । दिख रहा नहिं कोई' निश्छल।(१) हर जगह मेला लगा है, मिल रहा ना शुद्ध भी जल।(२) प्राण वायू की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 287 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 28 May 2021 · 1 min read हुश्न कब ठहरा किसी का बात सच्ची मानिए विधा-गीतिका छंद -गीतिका वाचिक (मापनी युक्त) २१२२ २१२२ २१२२ २१२ हुश्न कब ठहरा किसी का बात सच्ची मानिए। है किताबों में लिखा ये आप भी यह जानिए।(१) इश्क में पाकीज़गी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 371 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 28 May 2021 · 1 min read बिन थाह समुंदर का किस काम का पानी है। २२१ १२२२ २२१ १२२२ बिन थाह समुंदर का किस काम का पानी है। उस घाट से' क्या लेना जिस पाल विरानी है।।(१) कब कौन भरोसा है दुनिया की' बजरिया में।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 347 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 27 May 2021 · 1 min read दांव पाकर कर रहे हैं बदजुबानी आज फिर २१२२ २१२२ २१२२ २१२ छंद -गीतिका (मात्रिक मापनीयक्त) याद आता है वो बचपन शादमानी आज फिर। बन रही है खूबसूरत सी कहानी आज फिर।।(१) फूल बनकर खिल रही है ज़िंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 279 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 24 May 2021 · 1 min read नहीं आप उसको युॅ ठुकराइएगा १२२ १२२ १२२ १२२ छंद-वाचिक भुजंगप्रयात (मापनीयुक्त) विधा - गीतिका समांत-आइएगा अपदान्त। हुई भूल हमसे न अब गाइएगा । मिलो प्यार से मान अब जाइएगा ।।१। चलो भूल जाएं गिले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 322 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 20 May 2021 · 1 min read मुश्किलों में है सफीना 2122 2122 2122 21 रूपमाला छंद गीतिका मुश्किलों में है सफीना बीच ये मझधार। मिल रहा नहिं अब किनारा ढूंढती पतवार।।(१) काल पर पहरे लगे हैं काल के कुछ इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 247 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 17 May 2021 · 1 min read मौन को भी तोड़कर फिर एक स्वर फिर से उठेगा २१२२ २१२२ २१२२ २१२२ विधा -गीतिका मत कभी खोना भरोसा वक्त यह भी सब कटेगा। हो अंधेरा चाहे' जितना एक दिन हरगिज छॅटेगा।।(१) चांद भी डरता नहीं है देखकर काली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 342 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 8 May 2021 · 1 min read मीत आओ,साथ गाओ गीतिका छंद - सुगति छंद (मात्रिक ) मापनी - 2122 समांत - आओ गीतिका :- ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;; मीत आओ। साथ गाओ।। भोर निकला, जाग जाओ। बन उजाला, खुद दिखाओ। कुछ सुऩो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 401 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 8 May 2021 · 1 min read कनखियों से देखकर वह मुस्कुराती जा रही है। २१२२ २१२२ २१२२ २१२२ छंद-द्विमनोरम कनखिओं से देखकर वह मुस्कुराती जा रही है। और मादक गंध अपनी नित बहाती जा रही है। केश बादल से घनेरे हैं घटाएं छांव की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 362 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 8 May 2021 · 1 min read मुखौटे पर मुखौटा है १२२२ १२२२ १२२२ १२२२ छंद-विधाता विधा- गीतिका मुखौटे पर मुखौटा है, कहां ढूंढूं मैं' परछाईं। भरी है दिल में मक्कारी, कहां ढूंढूं मैं' सच्चाई।। फरेबी है जहां सारा,मनुज शैतान सा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 507 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 7 May 2021 · 1 min read पहले जीते फिर जीतेंगे,यह विश्वास जगाना होगा। आधार छंद चौपाई(स्वैच्छिक) मात्रा भार 16 समांत....आना पदान्त...... होगा #गीतिका ******** अनुशासन अपनाना होगा। सबको यह समझाना होगा।।(१) मन में दृढ विश्वास रखो अब, भय आतंक मिटाना होगा।।(२) इक दूजे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 230 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 6 May 2021 · 1 min read पप्पू भैया की नहीं, कहीं गल रही दाल। विधा- गीतिका छंद-दोहा रस-व्यंग सिर पर टोपी है रखी, मन में बहुत सवाल । पप्पू भैया की कहीं,नहीं गल रही दाल। मोदी जी पर नित नये,लगा रहे आरोप, झूठे अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 366 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 30 Apr 2021 · 1 min read मेरे' ईश्वर बता तू ये' क्या हो रहा है। २१२ २१२ २१२ २१२२ आज दुनिया ये सारा वतन रो रहा है। मेरे ईश्वर बता तू ये क्या हो रहा है। बेचते मौत को खैरख्वाह' देश के ही, ल्हाश का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 227 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 10 Apr 2021 · 1 min read जिंदगी प्यार का एक अहसास है। २१२ २१२ २१२ २१२ जिंदगी प्यार का एक अहसास है। हर घड़ी इक नयी भोर की आस है। खार-कांटे बहुत राह-पथ में मगर, जीस्त हर पल रुचिर फूल की वास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 271 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 10 Apr 2021 · 1 min read दुश्मन न डाले तिरछी नजर NOV 11 दुश्मन न डाले तिरछी नज़र , मुझको ऐसा दमन चाहिए। भूखा न हो कोई नागरिक, मुझको ऐसा वतन चाहिए। फूल खिलते रहें हर तरफ बाग में प्यार के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 390 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 9 Apr 2021 · 1 min read अरुण लालिमा लिए दिवाकर सुप्रभात संग कुछ पंक्तियां निवेदित: ????????? अरुण लालिमा लिए दिवाकर जगती का वंदन है। शुभ्र भोर का पल पल हिय से उसका आलिंगन करता है।। भौरें ललचाई नज़रों से कलियों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 243 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 9 Apr 2021 · 1 min read जरा रुख बदल लें विधा-गीतिका समांत-ओं पदांत-से कह दो मापनी-१२२ १२२ १२२ १२२ जरा रुख बदल लें हवाओं से' कह दो। जरा पट उठा लें अदाओं से' कह दो।। नहीं लाजिमी है ठहरना सदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 221 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 7 Apr 2021 · 1 min read समय की तेज धारा में गीतिका विधाता छंद समय की तेज धारा में ,बहा जाता है मेरा मन। फरेबी है जहाँ सारा ,कहाँ ढूढूं मैं अपना पन। समय की दौड़ में भूला , मैं अपना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 233 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 4 Apr 2021 · 1 min read श्वेत कबूतर बहुत उड़ाए श्वेत कबूतर बहुत उड़ाये,अब कुछ अलग उड़ाना है। दुनिया के ठेकेदारों को ,कुछ करके दिखलाना है। माना हम उद्दंड नहीं पर,कायर भी तो सोच नहीं, छुरी पीठ में भौंक रहा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 210 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 3 Apr 2021 · 1 min read होली खेलें अबर -गुलाल होली में , प्रेम से हो निहाल होली में। प्रेम का हो बोलवाला सदा - न हो कोई बवाल होली में। प्रेम-पुष्प हो गले की माला, न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 235 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 3 Apr 2021 · 1 min read आयी ये हमजोली होली आयी रे हमजोली होली , भाती मन को भोली होली। गोकुल की गलियन में देखो , खुद ही बोले बोली होली । राधा के सॅग खेल रही है , राम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 257 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 3 Apr 2021 · 1 min read रिझाता है दिलों को छंद-सिन्धु विधा-गीतिका मापनी -१२२२ १२२२ १२२२ (वाचिक) पहला, आठवां तथा पंद्रहवां वर्ण लघु। रिझाता है दिलों को बांसुरी वाला। कहै नटवर उसे , कोई, उसे ग्वाला।। वशी, वो प्रेम -बंधन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 318 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 3 Apr 2021 · 1 min read दीप जलाएं हम निष्काम गीतिका ,मात्रा १६,१५ इस बार जलाएं इक दीपक, अमर शहीदों के भी नाम। हम घर में दीवाली करते , वो सरहद पर करते काम।। मौज़ मनाते मस्ती करते , बिना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 206 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 21 Mar 2021 · 1 min read दें तिरंगे को सहारा देश हित आगे रखें हम ,स्वार्थ से कर दें किनारा। देश तब आगे बढ़ेगा ,भूख से होगा किनारा।। कर्म कुछ ऐसा करें नित ,दिव्य भी हो पुण्य भी हो, प्यार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 186 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 21 Mar 2021 · 1 min read आये जबहिं चुनाव आते जबहि चुनाव , लुभाते नेता जी। वादे करें नित रोज़ , रिझाते नेता जी। बीते यूँ ही साल,किया न पूरा' वादा। सपने फिर इस साल, दिखाते नेता जी। बदलें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 458 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 21 Mar 2021 · 1 min read हमारे देश की देखो विधा- गीतिका छंद- विधाता मापनी - 1222 1222 1222 1222 समान्त- अन, पदांत-की ----------------- हमारे देश की देखो ,दशा अब आम जन जन की। कहाँ है न्याय की धारा ,गयी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 343 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 21 Mar 2021 · 1 min read क्या और दूं तुमको प्रिये आधार छंद – मधुवल्लरी मापनी- 2212 2212 2212 पदांत – किया,समांत – अन क्या और दूं तुमको प्रिये,अर्पण किया। हर सांस तेरी मान कर, वंदन किया।।(१) तू तो अकेला चल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 315 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 17 Mar 2021 · 1 min read समय का चलन अब डराने लगा है गीतिका आधार छन्द-भुजंग प्रयात(वाचिक) 122 122 122 122 समान्त-आने पदांत:लगा है समय का चलन अब डराने लगा है।। खुली लूट का डर सताने लगा है।(१) घटाएं गगन में घिरीं हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 195 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 13 Mar 2021 · 1 min read नागों की क्या बात करें ???? देखें व्यंग एक गीतिका के माध्यम से ???? ????? नागों की क्या बात करें हम,जब इंसां ख़ुद बिषधर हो। पापों की क्या बात करें अब,जब पापी ही सहचर हो।।(१)... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 3 500 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 13 Mar 2021 · 1 min read व्यंग अहंकार का रावण बैठा,सत्ता के गलियारों में। छंद-गीतिका समांत-ओं पदांत-में लावणी छंद आधारित (मात्रा १६,१४) एक गीतिका ??? अहंकार का रावण बैठा,सत्ता के गलियारों में। जब उनको कुर्सी मिल जाती,जा छुपते दीवारों में।। घूम रहे देखो व्यभिचारी,खुले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 415 Share Previous Page 2 Next