मिला मौका ये’किस्मत से हमें अब प्यार करने दो।
दिनांक-२१/१०/२१
छंद-विधाता
विधा-गीतिका
समांत-आर
पदांत-करने दो।
मिला मौका ये’ किस्मत से हमें अब प्यार करने दो।
नहीं रोको अभी हमको हमें इज़हार करने दो।।(१)
दिया है साथ हर पल ही निभाया फर्ज है अपना,
हमें भी अब दिली उनका तनिक आभार करने दो।(२)
सताया है बहुत हमको उन्होंने आज जी भरकर,
बहुत तड़फे हैं’ वो भी तो जरा इकरार करने दो।(३)
मजा आता नहीं दिलवर तुम्हारी बेजुबानी में,
ये’चुप्पी अब नहीं अच्छी जरा तकरार करने दो।(४)
घुटन होती सदा अब तो अटल को इस ज़माने से,
दुबारा लहलहाने को जरा सी रार करने दो।(५)
?अटल मुरादाबादी ?