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3 Apr 2024 · 1 min read

पेड़ से इक दरख़ास्त है,

पेड़ से इक दरख़ास्त है,
कली को कली ही रहने देना,
जो फुल बन जाएगी…
टूट जाएगी…!

~ आरती सिरसाट

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