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4 Jun 2023 · 1 min read

जिसे तुम ढूंढती हो

वो नजारा हु मै वो इशारा हु मै, जिसे तुम ढूंढती हो
वो चमकता हुआ, सितारा हु मैं जिसे तुम ढूंढती हो ।

प्यास जब भी लगी गर तुझे तो, छाँक भर पानी ले रखूंगा
याद जब भी करोगी मुझे तो, तेरे सामने हर घड़ी मैं रहूंगा
एक समंदर का वो किनारा हु मै, जिसे तुम ढूंढती हो।

तुम धूप में निकलती हो जब, छाया तेरा बनके मैं घूमता हु
छलकने ना दू तेरी नूर को,अपने अधारो से जां पीया करता हु
तेरी हर पल का गुजारा हु मैं, जिसे तुम ढूंढती हो।

✍️ बसंत भगवान राय

Language: Hindi
1 Like · 355 Views
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