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3 Jul 2022 · 1 min read

पद्धरि छंद

छन्द पद्धरि पर आधारित
मात्रा 16
प्रारम्भ गुरु से अन्त -भान(121)

हे कमल नयन सुन ले पुकार ।
मैं विनती करता बार -बार। १।

है झूठ फला जग में अपार।
तू इसमें कर अब कुछ सुधार।। २।

तेरी माया से भ्रमित नाथ ।
मैं भूल गया अपना सु-पाथ। ।3।

मैं भी तेरा इक तुच्छ दास।
हिय में कर तू अब निवास ।4।

मेरी विनती हे जगत नाथ।
मेरे ऊपर रख वरद हाथ।5।

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