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27 Oct 2022 · 1 min read

लगता दीवाली आई

साफ सफाई शुरू हुई तो, लगता है दीवाली आई।
तोरण वंदनवार सजे तो,लगता दीवाली आई।।

घर द्वारों पर दिखतीं लड़ियां, जगमग जगमग चमक रहीं,
और रोशनी से न्हाये घर,लगता दीवाली आई।

चारों ओर सजी दूकानें,सेल लगी हैं गली गली,
गहमा-गहमी हुई हाट में,लगता दीवाली आई।

सोना चांदी है अब मंहगा, फिर भी भीड़ बहुत दिखती,
बाजारों में रेल पेल है,लगता दीवाली आई।।

जोश भरा है जन मानस में,एक नयी आशा लेकर,
सबका मुखमंडल आभामय,लगता दीवाली आई।

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