नित्य प्रार्थना
नित्य प्रातः हम तुम्हें पुकारें
जीव निर्जीव के सिरजनहारे
सकल ब्रह्मांडों के निर्माता
हर प्राणी के प्राण आधारे
अंश तुम्हारा मूक सभी में
कर्मफलदाता आप हमारे
जड़ नहीं चेतन शक्ति हो
भवसागर से तुम तारणहारे
तुम्हें खोजते ऋषि मुनि ज्ञानी
वीर पीर भगवान उचारें
कण कण में व्यापक एक तू ही
सर्वज्ञ सर्वोच्च तू ही है करतारे
जाने माने तुझे प्रेम करें हम
इतना मात्र तू प्राणी से है चाहे
आये क्यो हम नश्वर जग में
जीवन उद्देश्य को हम जाने
श्वांसे चले जिसकी इच्छा से
आओ कभी हम उसको जाने
दृश्य अदृश्य क्या उसका रूप
कर प्रार्थना सत्य को जाने
प्रथम स्थान दे जीवन मे
हो समर्पित हर कार्य को जाने
अटल सत्य शाश्वत सृष्टि में
श्री चरणों मे नमन झुकना जाने
हे पूर्ण परमेश्वर तुम स्वामी
शरण आपकी सदा ही मांगे
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