Shyam Sundar Subramanian Tag: कविता 594 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shyam Sundar Subramanian 5 Apr 2025 · 1 min read दोस्ती दोस्ती एक एहसास का नाम है , दोस्ती एक विश्वास का नाम है , दोस्ती एक हृदय के स्पंदन का नाम है , दोस्ती एक अटूट बंधन का नाम है... Hindi · कविता 1 2 25 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Apr 2025 · 1 min read आशा की किरण जीवन की राह में चलते -चलते सामने कुछ धुंधलका सा छाया था , उसके आगे घुप्प अंधेरा था , पीछे लौटना संभव नही था , जो छोड़ आया उसे मुड़कर... Hindi · कविता 1 2 23 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Mar 2025 · 1 min read कटु सत्य आम जनता मूक बनी मौलिक अधिकारों का हनन् सहन कर रही है , अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने पर चुप्पी साध बैठ गई है , विरोध के स्वर कहीं-... Hindi · कविता · सामयिकी 1 2 34 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Mar 2025 · 1 min read इंसानियत के आँसू चोरों के इस जहाँ में इंसाफ़ की उम्मीद छोड़ दो ! जहाँ , नेता ,अफसर, पुलिस , पैरोकार, मुंसिफ़ सब चोर हों , वहाँ आम आदमी के हक़ में क्यूँकर... Hindi · कविता · सामयिकी 33 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Mar 2025 · 1 min read ख़बरदार ! इतिहास में द्फ़्न मुर्दों को उखाड़कर तुम्हे क्या मिलेगा ? न कोई मन्दिर , न कोई शिवालय, न कोई आश्रम ही मिलेगा , तुम्हे न तो धर्म क्या है ?... Hindi · कविता · सामयिकी 2 2 36 Share Shyam Sundar Subramanian 16 Mar 2025 · 1 min read जीने की राह हादसे कहकर नही आते , साथ छोड़ जाने वाले वापस नही आते , जो अभी है हमेशा नही रहेगा , ये साथ भी पल दो पल का ही रहेगा ,... Hindi · कविता 31 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Mar 2025 · 1 min read संकल्प प्रतिबद्धता आइये इस होलिका दहन के पावन पर्व में यह संकल्प लें ! हम परस्पर वैमनस्य एवं ईर्ष्या , क्रोध एवं घृणा का त्याग करें ! सहानुभूति , समभाव , सद्-भाव... Hindi · कविता 30 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Mar 2025 · 1 min read बीते दिन बीते लम्हों का हिसाब ढूँढता हूँ , गये दिनों का सुराग ढूँढता हूँ , जो गुज़र गया क्यूँ लौट आता नही , उन हंसीं पलों का एहसास क्यूँ जाता नही... Hindi · कविता 29 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Mar 2025 · 1 min read एहसास सात सुरों से भरी उमंगें लहराने लगीं , आज ये अचानक किसी की याद आने लगी , फिर कोई नया नग़्मा बन ज़ेहन पर छाने लगा , फिर नये सुरों... Hindi · कविता 1 29 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Mar 2025 · 1 min read क़सम क़समें जो खाते हैं वादा निभाने की हरदम , कितने वादा निभाते है शिद्दत से ता-'उम्र , रुस्वा -ए -ख़ल्क़ का ख़ौफ़ ही नही जिन्हे , क्यूँकर निभाए वो क़समें... Hindi · कविता 30 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Mar 2025 · 1 min read मानवता का अंत चारों तरफ नकली का बाजार गर्म है , कुछ समझ ना पाऊं कितने नकली , कितने असली हम हैं ? बाजार में नकली की भरमार है , छुपी असलियत की... Hindi · कविता 27 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Feb 2025 · 1 min read स्वर्ग-नर्क प्रमाण धर्मान्धता से कुंद मस्तिष्क हो तो क्या कहें ? समूह मानसिकता जब सर चढकर बोले तो क्या करें ? धर्म - रक्षा के छद्म में जब नारे गढ़े हों तो... Hindi · कविता · सामयिकी 1 52 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Feb 2025 · 1 min read आत्मनिर्णय समस्त देशवासियों का हृदय अपमानित क्षोभ से भर गया , जब हमारे युवाओं को अमानवीयता से प्रत्यार्पित किया गया , उनके साथ दुर्दान्त अपराधियों के समान बर्ताव किया गया ,... Hindi · कविता 52 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Feb 2025 · 1 min read पशुस्वरूप मानव मानव की असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा हो गई है , हृदयविदारक घटना जब छोटी- मोटी घटना नामित हुई है , अपनों के खोने का दर्द कोई अपना ही समझेगा , कठोर... Hindi · कविता 1 2 79 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Jan 2025 · 1 min read जीवन समीक्षा जीवन के इस पथ पर अनवरत बढ़ता रहा , कभी दुःख संतप्त क्षण आये कभी सुख तृप्त हुआ , अपनों के साथ छूट जाने का विषाद , तो कभी प्रियजन... Hindi · कविता 41 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Jan 2025 · 1 min read बीते दिन अच्छे थे लगता सब कुछ खो सा गया है , वो डाकिये का इंतज़ार , वो चिट्ठी मिलने की खुशी , वो उसको पढ़ने का उत्साह , चिट्ठी में समाचार पढ़कर ,... Hindi · कविता 32 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Jan 2025 · 1 min read कुछ सवालात कुछ मुलाकातें अधूरी रह जातीं हैं , कुछ बातें अनकही रह जातीं हैं , ज़ब्ते एहसास दिल में रह - रह कर सालता है , ज़ेहन मंडराते यादों के अब्र... Hindi · कविता 45 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Jan 2025 · 1 min read हालात-ए-हाज़िरा का तज़्किरा दिन गुज़रते हैं , साल गुज़रते है , कुछ रिश्ते टूटते हैं , कुछ नये बनते है , कभी हम खुश होते हैं , कभी हम ग़म में डूबते हैं... Hindi · कविता 52 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Dec 2024 · 1 min read विवशता हृदय विदारक हादसे हो जाते हैं , और हम मूकदर्शक बने सब सहे जाते हैं , सरकार जाँच आयोग बिठाती है , पीड़ितों को मुआवजे की घोषणा करती है ,... Hindi · कविता 1 2 77 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Dec 2024 · 1 min read महान विभूति मोहम्मद रफी- काव्य श्रृद्धांजलि सुरों का सम्राट लिए वो हृदय विराट , कला समर्पित वो महान कलाकार , जीवन के हर भावों को अपनी कृति में समाहित किये , उभरते कलाकारों का प्रेरणा प्रकाश... Hindi · कविता · श्रृद्धांजली 150 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Dec 2024 · 1 min read श्रृद्धेय अटल जी - काव्य श्रृद्धा सुमन वह कर्मवीर संस्कारों की खान , मानवता जिसका धर्म , राष्ट्र जिसका अभिमान , समता , सद्भाव जिसका शील , आदर्श जिसकी पहचान , समग्र ज्ञान का सागर , प्रज्ञासिद्ध... Hindi · कविता · श्रृद्धांजली 130 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Dec 2024 · 1 min read "स्व"मुक्ति विचारों के ताने -बाने में उलझ कर रह गया हूँ , कल्पना -लोक में विचरण से स्वयं को ना रोक पाता हूँ , पूर्वकल्पित धारणाओं के भ्रम-जाल में खो सा... Hindi · कविता 88 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Dec 2024 · 1 min read आह्वान मन कुछ उदास है , हर चेहरे पर भी अवसाद है , विभीषिका के फिर लौट आने के समाचार का प्रचार है, अमानवीयता और स्वार्थ की पराकाष्ठा हम देख चुके... Hindi · कविता 128 Share Shyam Sundar Subramanian 16 Dec 2024 · 1 min read ज़िंदगी के मायने ज़िंदादिल ख़ुशी के पलों भरी छोटी ज़िंदगी , ज़िंदा लाश ढोते हुए लम्बी ज़िंदगी से बेहतर है। ज़िंदगी अपनी ख़ुशी औरों में लुटाकर और उनको ख़ुश देख ख़ुश होने में... Hindi · कविता 123 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Dec 2024 · 1 min read प्रार्थना हे ईश्वर ! समृद्धि की कामना नही तुझसे , सक्षम करना इतना तू मुझे , विपन्न का सहायक बन सकूँ जिससे , प्रसिद्धि की आभिलाषा भी नही तुझसे , आत्मबल... Hindi · कविता 165 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Dec 2024 · 1 min read ज़िंदादिल उमंग बढ़ती हुई उम्र की पहचान हूँ , अब तो मैं ज़िंदादिल इन्सान हूँ , मेरी बालों की सफेदी में मेरा तज़ुर्बा छुपा है , मेरी आँखों मे मेरा नज़रिया बसा... Hindi · कविता 99 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Dec 2024 · 1 min read प्रथमा दुःखी हृदय की आह जब निकली होगी , वह उस कवि की पहली कविता बनी होगी , सपनों की अनुभूति जब पृष्ठभूमि में उकेरी होगी , वह उस चित्रकार की... Hindi · कविता 1 116 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Dec 2024 · 1 min read आत्म-बोध प्रकाश आज प्रातः जब नींद से जागा तो नवअनुभूति युक्त हुआ , अब तक मैं कर्तव्य- बोध युक्त था आज स्व-बोध युक्त हुआ , मेरे मानस पटल पर मेरी सुप्त अभिलाषाएँ... Hindi · अनुभूति · कविता 1 179 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Nov 2024 · 1 min read निसर्ग संदेश फैला हुआ आकाश कहता है , विशाल हृदय रखो , बहती नदी कहती है , सब ज्ञान समाहित करो , ऊंचे पर्वत शिखर कहते हैं , अपने इरादे बुलंद रखो... Hindi · कविता 2 130 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Nov 2024 · 1 min read संदेश इतिहास को क्यों कुरेदते हो , वर्तमान पर ध्यान दो ! वर्तमान अगर बिगड़ गया तो भविष्य कैसे संभलेगा ? व्यर्थ के तर्क में समय नष्ट करने से कुछ न... Hindi · कविता 1 103 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Nov 2024 · 1 min read समायोजन देश देखा, विदेश देखा , पर देखा ना , अपना सा कोई विशेष देखा , हर कृति अपने में अनूठी है , कोई किसी से ना मेल खाती है ,... Hindi · कविता 1 88 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Nov 2024 · 1 min read समय की पुकार कल मैने देखा ! एक बंदर के हाथ लगी मोतियों की एक माला ! जिसे तोड़़-तोड़कर उसने अपनी बुद्धि से बिखेर डाला , उसे पता नही कि मोती चुनने ,... Hindi · कविता 94 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Nov 2024 · 1 min read फ़िक्र हर नई सहर इक नये सफ़र का आग़ाज़ होती है , जो हर दिन इक नये जद्दोजहद का पैग़ाम लाती है , हालातों से समझौता करने पर हर शाम 'अज़ाब... Hindi · कविता 1 106 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Nov 2024 · 2 min read आज का दौर जाने किस दौर में हम जी रहे हैं ? एक दूसरे की गलतियां निकाल कर लड़ रहे हैं , एक शातिर चोर दूसरे को लूटेरा कह रहा है , दूसरा... Hindi · कविता 120 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Nov 2024 · 1 min read तलाश ज़िंदगी के शोर से मैं थक सा गया हूँ , किसी वीराने की तलाश में भटकता फिर रहा हूँ , जहाँ चन्द पल सुकुँ से गुज़ार सकूँ , जहाँ मै... Hindi · कविता 153 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Nov 2024 · 1 min read क़ुर्बान ज़िंदगी जो भी पल थे वो बिखरते चले गये , जो भी अपने थे वो बिछड़ते चले गये , हम इक मुकाम पर खड़े बस तमाशा देखते रहे , कुदरत पर... Hindi · कविता 91 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Nov 2024 · 1 min read ज़िंदा एहसास न जाने क्यों हमारे अज़ीज़ हमसे जल्द दूर हो जाते हैं , उनकी यादों के दिये जलाकर हम अपना दिल बहलाते हैं , उनके अख़लाक़ की सीरत हमारी राहों को... Hindi · कविता 184 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Nov 2024 · 1 min read कुछ सवालात कितना उलझाओगे ख़ुद को ज़ंजीर -ए -रिवायात में , कुछ सवालात कौंधते रह जाएंगे परदा- ए- ज़ेहन में , अंधेरे न छटेंगे हर क़दम आग़ाज़ -ए-सहर के उजालों में ,... Hindi · कविता 189 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Nov 2024 · 1 min read गर्दिश-ए-अय्याम मै अकेला चला था इस सफ़र में ना कोई हमराह , ना हम-सफ़र , मंजिल से बेख़बर इस आस में कहीं तो पहुँचेगी ये डगर , राह में ठोकर खाकर... Hindi · कविता 346 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Nov 2024 · 1 min read प्रेरणा तोड़़ दो परतंत्रता के ये बंधन , छोड़ दो दिखावे के ये वंदन , रचो अपना भविष्य स्वयं तुम , रहो ना निर्भर किसी पर भी तुम , कोई नहीं... Hindi · आवाहन · कविता 120 Share Shyam Sundar Subramanian 8 Nov 2024 · 1 min read तहक़ीर जाहिलों के हुज़ूम में ख़िरद की क़ीमत कहाँ ? हैवानियत के आलम में हमदर्दी की शु'आ' कहाँ ? चोरों के बाज़ार में ईमानदारों का वुजूद कहाँ ? बे-हयाई की महफ़िल... Hindi · कविता 95 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Nov 2024 · 1 min read हस्ती झूठ के इस बाज़ार में सच कहाँ से खरीदोगे ? जहाँ इंसां की कद्र नहीं वहाँ , इंसानियत कहाँ से जगाओगे ? मौक़े' की तलाश में हो फ़रेबी फ़ितरत जहाँ... Hindi · कविता 213 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Nov 2024 · 1 min read नवसंकल्प आओ नवदीपमालाओं के इस पावन उत्सव में हम परस्पर सौहार्द ,प्रेम एवं संवेदना का भाव जन-जन के हृदय में जगायें , मनस में आच्छादित क्रोध , वैमनस्य , एवं घृणा... Hindi · कविता · संदेश 184 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Oct 2024 · 1 min read मानव जीवन - संदेश एक नन्हा शिशु जिसके लिये माता की गोद ही स्वर्ग है , जिसके लिये उसके चारों ओर का वातावरण ही निसर्ग है , धीरे-धीरे बड़ा होता है , अपने संसार... Hindi · कविता · संदेश 148 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Oct 2024 · 1 min read दर्द- ए- दिल दर्द उठता , बढ़ता , बढ़कर फ़ुग़ाँ नही होता , कुछ इधर , उधर, कसमसाता , बयाँ नही होता , ज़ब्ते ग़म नही छुपता , अश्क बन छलक ही जाता... Hindi · कविता 118 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Oct 2024 · 1 min read इंतज़ार अच्छे दिन का ? आजकल नकली कारोबार का बोल बाला है , झूठ को छद्म से सच जैसा बनाकर पेश किया जाता है , लोगों के अज्ञान का फायदा उठाकर उन्हें बहकाया जाता है... Hindi · कविता · सामयिकी 120 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Oct 2024 · 1 min read विजय - पर्व संकल्प आओ इस दिवस पर हम संकल्प लें अनीति को समाप्त कर नैतिकता स्थापित करें , छद्म , प्रपंच , भ्रष्ट आचरण उजागर करें , नाटकीयता ,एवं झूठ के आवरण नष्ट... Hindi · आवाहन · कविता 103 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Oct 2024 · 1 min read सार्थक जीवन - मंत्र दिवास्वप्न तंन्द्रा तिमिर से नवप्रकाश में पदार्पण किया , भ्रान्तियों के छद्मजाल से अलग हो सत्य संज्ञान लिया , आधारहीन कुतर्क से विलग हो प्रज्ञाशील तर्क मान्य किया , त्याग... Hindi · कविता 215 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Sep 2024 · 1 min read तन्हा इस शहर की गलियों में जिधर देखो हुजूम है , इस इन्सानी सैलाब में अजब दीनी जुनूँ है , हर शख़्स लगता है बे-परवा दुनिया से , अपने में मगन... Hindi · कविता 131 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Sep 2024 · 1 min read त्रासदी हालातों का तमाशा देखते हुए हम जी रहे हैं , मूकदर्शक बने हम मजबूर होकर रह गए हैं , संविधान और नागरिक अधिकार वस्तुस्थिति में , सिर्फ कोरी बातें होकर... Hindi · कविता 1 163 Share Page 1 Next