आत्मनिर्णय

समस्त देशवासियों का हृदय अपमानित
क्षोभ से भर गया ,
जब हमारे युवाओं को अमानवीयता से
प्रत्यार्पित किया गया ,
उनके साथ दुर्दान्त अपराधियों के समान
बर्ताव किया गया ,
दिग्भ्रमित सोच से वशीभूत निष्पंद था
उनका अंतःसंज्ञान ,
अवैध प्रवास का विकल्प चुनना था
उनका अज्ञान ,
उनकी कल्पित सामुहिक सोच का था
यह परिणाम ,
अंधदौड़ प्रभावित राष्ट्रवादी सोच हनन् का था
यह परिणाम ,
दोषी तो वे स्वयं थे इस निर्मित
शोचनीय परिस्थिति के ,
शायद , अब उनमें आत्मसम्मान एवं आत्मविश्वास जागृत हो ये निर्णय लें ,
अब , वे कभी इस प्रकार के
प्रलोभन में ना पड़ेंगें ,
अपने व्यक्तित्व को सुधार कर शिक्षित हो
दक्ष एवं सक्षम बनेंगें ।