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28 Feb 2025 · 1 min read

जो दिल में है उसे आंखों से कहलाना जरूरी है

1222 1222 1222 1222

नजर के सामने हो तू तो शर्माना जरूरी है
जो दिल में है उसे आंखों से कहलाना जरूरी है ।

छुपा कर इबादत करना सबसे बेहतर होगा
दिखावा से छलावा से निकल जाना जरूरी है ।

जमाने भर से रुसवा और दिल भारी होगा यारों
गलत का साथ देने से मुकर जाना जरूरी है।

वो तो खुद चैन से सोता है ताने मार दूजे को
है! इन चालाक गद्दारों से टकराना जरूरी है

चलो माना कि खामोशी में यूं रहना बड़प्पन है
मगर मिलकर के अच्छी बात फैलाना जरूरी है।

नूर फातिमा खातून “नूरी”
जिला -कुशीनगर

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