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12 Mar 2025 · 1 min read

शहादत

कुछ बदनाम हो गए !
जीवन पथ पर चलते !!
कुछ गुमनाम हो गए !
मारते रहे पत्थर जिन्हें !!
वो प्राण न्यौछावर कर !
चारो धाम हो गए !!
• विशाल शुक्ल

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