एहसास

सात सुरों से भरी उमंगें लहराने लगीं ,
आज ये अचानक किसी की याद आने लगी ,
फिर कोई नया नग़्मा बन ज़ेहन पर छाने लगा ,
फिर नये सुरों की तर्ज़ पर ये दिल गाने लगा ,
वो बहारें ,वो चाँदनी राते , वो मसर्रत की सहर ,
वो वादे , वो जज़्बा , वो हमकदम ज़िंदगानी की डगर ,
फिर वो एहसास इक नया जोश सा जगाने लगा है ,
चन्द पलों के लिए माहौल ख़ुशगवार लगने लगा है।