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23 Dec 2024 · 1 min read

“स्व”मुक्ति

विचारों के ताने -बाने में उलझ कर रह गया हूँ ,
कल्पना -लोक में विचरण से स्वयं को ना रोक पाता हूँ ,

पूर्वकल्पित धारणाओं के भ्रम-जाल में खो सा गया हूँ ,
पूर्वाग्रह के वारिद मानस पटल पर आच्छादित हैं ,

परिकल्पनाओं से तथ्य अन्वेषण प्रज्ञा प्रभावहीन है,
सत्य की खोज में अपने”स्व” से मुक्त होने प्रयास रत् हूँ,

उस पथ पर संकल्प लेकर अग्रसर होने ,
जहाँ सत्य का आलोक मेरी प्रतीक्षा कर रहा है।

Language: Hindi
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