जीने की राह

हादसे कहकर नही आते ,
साथ छोड़ जाने वाले वापस नही आते ,
जो अभी है हमेशा नही रहेगा ,
ये साथ भी पल दो पल का ही रहेगा ,
फिर ग़म को दिल में पालना क्यूँ ,
हर पल ग़म में डूबे दिल को सालना क्यूँ ,
ग़म को भुला जीने की आदत डालनी होगी ,
ग़र्दिश -ए- दौराँ में यूँ ज़िंदगी बसर करनी होगी।