Raj kumar Language: Hindi 20 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Raj kumar 27 Mar 2025 · 1 min read बाल कविता समझदारी ========== एक रात को खाना खाकर, सब घर जब सोया था जोर। तभी कहीं से छत के ऊपर, घुस आया एक चिंदी चोर।। उसने सारा माल समेटा, जब राजू... Hindi 111 Share Raj kumar 26 Mar 2025 · 1 min read बाल कविता मेरी दादी ======== जब न होती जननी घर में, तो माॅं का प्यार लुटाती थी। यदि मम्मी कभी डाॅंटती थी तो, मुझको वही बचाती थी।। कभी मेरी गलती के ऊपर,... Hindi · बाल कविता 159 Share Raj kumar 22 Mar 2025 · 1 min read बाल कविता चार चूहे ======= एक घर में थे चूहे चार, परेशान पूरा परिवार। दादा जी की टोपी काटी, फ्रिज में रखी मलाई चाटी।। कुतरी चाचा जी की कोटी, खा गये मक्खन... Hindi · बाल कविता 156 Share Raj kumar 19 Mar 2025 · 1 min read सुनीता विलियम्स जी के धरती आगमन पर घनाछरी छंद ========= यदि आप चाहते हैं अपना आदर कराना तो, राज आप पहले खुद भी अच्छा आचरण अपनाइए। यदि आप चाहते हैं की बेटा प्रहलाद बने, तो पहले अपने... Hindi · घनाक्षरी 302 Share Raj kumar 19 Mar 2025 · 1 min read यादें यादें ==== कहाॅं गए वह बाग-बगीचे, कहाॅं गयी है वह क्यारी। कहाॅं गयीं बैठक चौपालें, कहाॅं गयी दुनियाॅं-दारी।। कहाॅं गए वे नाते रिश्ते, जिन पर प्यार लुटाते थे। कहाॅं गए... Hindi · कविता 248 Share Raj kumar 17 Mar 2025 · 1 min read शोक सभा घनाछरी छंद ========= राज आज नगर के एक बड़े मंडप में, देख कर सजावट कुछ भ्रांति मन में पल रही। फूलों की कतारें थीं सुगंध की बहारें थीं, श्वेत श्याम... Hindi · घनाक्षरी 1 2 393 Share Raj kumar 14 Mar 2025 · 1 min read होली कुंडलिया ======= होली के जो रंग हैं, वे खुशियों के शैल। हृदय में घुल जात हैं, धोदें मन का मैल। धोदें मन का मैल, करत पुलकित तन मन को। द्वेष... Hindi · कुण्डलिया 1 187 Share Raj kumar 13 Mar 2025 · 1 min read होलिका दहन कुण्डलिया ======== करो अवगुणों का दहन, आज होलिका संग। अंत बुराई का सदा, होता है बे रंग। होता है बे रंग, संग कुछ भी ना जाता। करते जैसे कर्म, वही... Hindi · कुण्डलिया 1 175 Share Raj kumar 12 Mar 2025 · 1 min read बाल कविता होली ===== निकली सब बच्चों की टोली, लगे खेलने मिलकर होली। राजू ने भरकर पिचकारी , गीता के ऊपर दै खोली।। सोनी रंग गुलाबी लायी, पंकज भी पीला भर लाया।... Hindi · बाल कविता 270 Share Raj kumar 9 Mar 2025 · 1 min read बेटियाॅं बेटे की चाहत के खातिर, बेटी को क्यों मार रहे। करते कृत्य क्रूर्ता वाला, पाप शीश पर धार रहे।। सृष्टि सृजन बिन युगल अधूरा, इसको भी तो जानो तुम। बेटा... Hindi · कविता 1 2 243 Share Raj kumar 8 Mar 2025 · 1 min read महिला दिवस घनाछरी छंद ========= नारी है विधाता जन्मदाता इस सृष्टि की, वेदों और पुराणों ने महिमा इसकी गायी है। बेटी भगनी भार्या बन सहेजा जिसने रिश्तो को, झेले बहु कष्ट लोक... Hindi · घनाक्षरी 1 3 241 Share Raj kumar 7 Mar 2025 · 1 min read बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के 10 वर्ष पूर्ण होने पर विशेष घनाछरी छंद ========= बेटा और बेटियों में करते जो भेद-भाव दूषित समाज में ऐसे भी कुछ लोग हैं । बेटियों के जन्म में मनाते जो शोक संताप, लेता बेटा जन्म... Hindi · घनाक्षरी 1 2 256 Share Raj kumar 4 Mar 2025 · 1 min read बाल कविता जल संरक्षण =========== राजू क्या करते हो यार, क्यों करते पानी बेकार। तूने क्यों मानी ना बात, जो मम्मी ने समझाई रात।। पानी बिना न होती धान, भैया मेरा कहना... Hindi · कविता · बाल कविता 1 293 Share Raj kumar 1 Mar 2025 · 1 min read कुंभ पूर्ण होने पर घनाछरी छंद ============ दिव्यता और भव्यता को देख-देख विश्व जहाॅं, सोच रहा कैसा यहाॅं श्रद्धा का राज है । जात नहीं पात नहीं और कोई बात नहीं, भक्ति भाव से... Hindi · घनाक्षरी 1 388 Share Raj kumar 28 Feb 2025 · 1 min read बाल कविता कौन करता है? ========== कौन बया को ट्यूशन देता, कौन इन्हें सिखलाता है। छोटे-छोटे तिनके बुनकर, सुंदर महल बनाता है।। आसमान में इतने ऊपर, चन्दा को पहुॅंचाता कौन। टिम-टिम करते... Hindi · बाल कविता 2 260 Share Raj kumar 27 Feb 2025 · 1 min read बाल कविता मेरी मम्मी ------------ कितनी प्यारी मेरी मम्मी, मुझे खिलाती सेब मुसम्मी। रोज सुबह जल्दी उठ जाती, बड़े प्यार से मुझे उठाती ।। कहती उठ जा राजा बेटा, देखो तू अब... Hindi · बाल कविता 52 Share Raj kumar 26 Feb 2025 · 1 min read महाशिवरात्रि विशेष शंकर की पूजा करो, शिव ही दिव्य प्रकाश। महाकाल नटराज ही, करते पूरण आश। करते पूरण आश, नाश दुष्टौं का करते । नीलकंठ विश्वेश, कष्ट भक्तों का हरते। कहत राज... Hindi · कुण्डलिया 275 Share Raj kumar 12 Feb 2025 · 1 min read सत्य सनातन धर्म कुंडलिया 1. धर्म सनातन जगत में, रखता है पहचान। जड़ चेतन को पूजते, नारी का सम्मान। नारी का सम्मान, कर्म प्रधान बताते। जो जस करता कर्म, सभी फल वैसा पाते।... Hindi · कुण्डलिया 285 Share Raj kumar 2 Feb 2025 · 1 min read बसंत ऋतु आई है। बसंत ऋतु आई है ============== मदन रूप धारकर, रति का सिंगार कर। पीत वसन धार प्रकृति, करती अगवाई है।। शीत ने समेटे पंख, रवि ने दिया फूक शंख। शीतलता त्याग... Hindi · कविता 3 2 442 Share Raj kumar 2 Feb 2025 · 1 min read गुरु महिमा गुरु महिमा ========== जैसे एक किसान खेत में, अपनी फसल उगाया करता। जैसे चित्रकार चित्रों में, रंग-बिरंगे रंग है भरता।। जैसे एक कुम्हार चाक से, अपने पात्र बनाया करता। जैसे... Hindi · कविता 1 63 Share