बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के 10 वर्ष पूर्ण होने पर विशेष

घनाछरी छंद
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बेटा और बेटियों में करते जो भेद-भाव
दूषित समाज में ऐसे भी कुछ लोग हैं ।
बेटियों के जन्म में मनाते जो शोक संताप,
लेता बेटा जन्म तो लगाते छप्पन भोग हैं।
बेटियों की शिक्षा पर देते न ध्यान तनिक,
बेटों की तालीम हेतु करते सैकडौं प्रयोग है।
बेटियों का रूप धार आती लक्ष्मी द्वार
बदलो उनकी सोच जो समाज कुष्ठ रोग हैं।।
~राजकुमार पाल (राज)