Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
13 Dec 2024 · 1 min read

एक आहट

एक आहट सी हुई जैसे गुजरा हो कोई,
यादों के झरोखे से जैसे झांका हो कोई।

उन शोख निगाहों की कहानी मत पूछ
इबारत प्रेम की जैसे लिख गया हो कोई

लबों पे हंसी का यूं धीरे से छा जाना
प्रेम की स्वीकृति जैसे दे गया हो कोई

कमर झूलते गेसू का चहुं ओर लहराना
घटाएं बन नागिन जैसे बलखाईं हो कोई

यादें बचपन की आज भी वाबस्ता हैं
हौले से जगा कर जैसे निकला हो कोई

इंजी संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश
१२.१२.२०२४

Loading...