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12 Mar 2025 · 1 min read

बाल कविता

होली
=====
निकली सब बच्चों की टोली,
लगे खेलने मिलकर होली।
राजू ने भरकर पिचकारी ,
गीता के ऊपर दै खोली।।

सोनी रंग गुलाबी लायी,
पंकज भी पीला भर लाया।
दादा जी जब निकले घर से,
उन दोनों ने उन्हें लगाया।।

चाची बोली बच्चो आओ,
पहले तुम सब गुजियाॅं खाओ।
बच्चे बोले तब खाएंगे,
पहले तुम भी रंग लगवाओ।।

मौज उड़ाते मस्ती करते,
चाट पकौड़ी हलवा खाया।
गली मोहल्ले सब रंग डारे,
होली का त्यौहार मनाया।।

~राजकुमार पाल (राज)
(स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित)

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