अच्छा नहीं कर सकते तो——————- ?

अच्छा नहीं कर सकते तो तुम, बुरा भी नहीं करो।
रोशन किसी घर के चिराग, तुम बुझाया नहीं करो।।
अच्छा नहीं कर सकते तो———————-।।
करते हो क्यों उनपे जुल्म तुम, बेवजह परेशान उन्हें।
नहीं बिगाड़ा कुछ भी जिन्होंने, करते हो क्यों खत्म उन्हें।।
बेवजहां ऐसी बस्तियां तुम, ऐसे जलाया नहीं करो।
अच्छा नहीं कर सकते तो———————–।।
ख्वाब अगर कोई तुम्हारा, मुकम्मल होता नहीं है।
दाम अपने कर्म का तुम्हें, उतना यदि मिलता नहीं है।।
ऐसे में तुम चमन किसी का, लूटा यूँ नहीं करो।
अच्छा नहीं कर सकते तो———————।।
मेहनत करके आशियाना, जो अपना बनाते हैं।
तूफानों से वो ही लड़कर, साहिल अपना पाते हैं।।
किश्ती लहरों में किसी की, तुम डूबोया नहीं करो।
अच्छा नहीं कर सकते तो———————।।
झुक जाते हैं दरख़्त भी, यारों फलों से लदने पर।
भर देते हैं ताल- तलैया, नीरध जल से भरने पर।।
गर खुशी नहीं दे सकते तो, गम भी तुम नहीं दिया करो।
अच्छा नहीं कर सकते तो———————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)