बाल कविता

मेरी मम्मी
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कितनी प्यारी मेरी मम्मी,
मुझे खिलाती सेब मुसम्मी।
रोज सुबह जल्दी उठ जाती,
बड़े प्यार से मुझे उठाती ।।
कहती उठ जा राजा बेटा,
देखो तू अब तक है लेटा ।
प्यारे बेटा आंखें खोलो,
मंजन करके मुह को धो लो।।
खीर खिलाती दूध पिलाती,
मल-मल कर मुझको नहलाती।
चाय नाश्ता सबको देकर,
फिर वह मेरा टिफिन लगाती।।
रोज शाम को मुझे पढ़ाती,
मेरा वह गृहकार्य कराती ।
लोरी गाती थपकी देती,
कभी-कभी वह खुद सो जाती।।
~राजकुमार पाल (राज)
(स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित)