Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
10 May 2024 · 1 min read

किसी की बेवफाई ने

किसी की बेवफाई ने आज हमें
फिर से जीने का हुनर सीखा दिया
एक भटके हुए मुसाफिर को
मंजिल का रास्ता दिखा दिया

उनकी हर अदाएं नाकाम हुई हैं
यह दिल अब सयाना हो गया है
अपनी वफा कहीं और आजमाओ
हमें इश्क किए जमाना हो गया है

जब से रास्ते हमारे जुदा हुए हैं
जिंदगी फिर से रफ्तार पकड़ रही है
हम अपनी तनहाइयों में बहुत खुश हैं
सुना है वह आज भी अकड़ रही है

उनके होकर भी हम उनके ना रहे
फिर क्यों बेवफा ने दिल लगाया था
खुश थे हम अनजान मुसाफिर बनकर
क्यों एक मुसाफिर से दिल लगाया था

Loading...