Shyam Sundar Subramanian Tag: कविता 565 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shyam Sundar Subramanian 19 Nov 2024 · 1 min read संदेश इतिहास को क्यों कुरेदते हो , वर्तमान पर ध्यान दो ! वर्तमान अगर बिगड़ गया तो भविष्य कैसे संभलेगा ? व्यर्थ के तर्क में समय नष्ट करने से कुछ न... Hindi · कविता 1 11 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Nov 2024 · 1 min read समायोजन देश देखा, विदेश देखा , पर देखा ना , अपना सा कोई विशेष देखा , हर कृति अपने में अनूठी है , कोई किसी से ना मेल खाती है ,... Hindi · कविता 1 10 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Nov 2024 · 1 min read समय की पुकार कल मैने देखा ! एक बंदर के हाथ लगी मोतियों की एक माला ! जिसे तोड़़-तोड़कर उसने अपनी बुद्धि से बिखेर डाला , उसे पता नही कि मोती चुनने ,... Hindi · कविता 17 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Nov 2024 · 1 min read फ़िक्र हर नई सहर इक नये सफ़र का आग़ाज़ होती है , जो हर दिन इक नये जद्दोजहद का पैग़ाम लाती है , हालातों से समझौता करने पर हर शाम 'अज़ाब... Hindi · कविता 1 21 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Nov 2024 · 2 min read आज का दौर जाने किस दौर में हम जी रहे हैं ? एक दूसरे की गलतियां निकाल कर लड़ रहे हैं , एक शातिर चोर दूसरे को लूटेरा कह रहा है , दूसरा... Hindi · कविता 23 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Nov 2024 · 1 min read तलाश ज़िंदगी के शोर से मैं थक सा गया हूँ , किसी वीराने की तलाश में भटकता फिर रहा हूँ , जहाँ चन्द पल सुकुँ से गुज़ार सकूँ , जहाँ मै... Hindi · कविता 17 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Nov 2024 · 1 min read क़ुर्बान ज़िंदगी जो भी पल थे वो बिखरते चले गये , जो भी अपने थे वो बिछड़ते चले गये , हम इक मुकाम पर खड़े बस तमाशा देखते रहे , कुदरत पर... Hindi · कविता 24 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Nov 2024 · 1 min read ज़िंदा एहसास न जाने क्यों हमारे अज़ीज़ हमसे जल्द दूर हो जाते हैं , उनकी यादों के दिये जलाकर हम अपना दिल बहलाते हैं , उनके अख़लाक़ की सीरत हमारी राहों को... Hindi · कविता 23 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Nov 2024 · 1 min read कुछ सवालात कितना उलझाओगे ख़ुद को ज़ंजीर -ए -रिवायात में , कुछ सवालात कौंधते रह जाएंगे परदा- ए- ज़ेहन में , अंधेरे न छटेंगे हर क़दम आग़ाज़ -ए-सहर के उजालों में ,... Hindi · कविता 22 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Nov 2024 · 1 min read गर्दिश-ए-अय्याम मै अकेला चला था इस सफ़र में ना कोई हमराह , ना हम-सफ़र , मंजिल से बेख़बर इस आस में कहीं तो पहुँचेगी ये डगर , राह में ठोकर खाकर... Hindi · कविता 23 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Nov 2024 · 1 min read प्रेरणा तोड़़ दो परतंत्रता के ये बंधन , छोड़ दो दिखावे के ये वंदन , रचो अपना भविष्य स्वयं तुम , रहो ना निर्भर किसी पर भी तुम , कोई नहीं... Hindi · आवाहन · कविता 24 Share Shyam Sundar Subramanian 8 Nov 2024 · 1 min read तहक़ीर जाहिलों के हुज़ूम में ख़िरद की क़ीमत कहाँ ? हैवानियत के आलम में हमदर्दी की शु'आ' कहाँ ? चोरों के बाज़ार में ईमानदारों का वुजूद कहाँ ? बे-हयाई की महफ़िल... Hindi · कविता 19 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Nov 2024 · 1 min read हस्ती झूठ के इस बाज़ार में सच कहाँ से खरीदोगे ? जहाँ इंसां की कद्र नहीं वहाँ , इंसानियत कहाँ से जगाओगे ? मौक़े' की तलाश में हो फ़रेबी फ़ितरत जहाँ... Hindi · कविता 29 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Nov 2024 · 1 min read नवसंकल्प आओ नवदीपमालाओं के इस पावन उत्सव में हम परस्पर सौहार्द ,प्रेम एवं संवेदना का भाव जन-जन के हृदय में जगायें , मनस में आच्छादित क्रोध , वैमनस्य , एवं घृणा... Hindi · कविता · संदेश 32 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Oct 2024 · 1 min read मानव जीवन - संदेश एक नन्हा शिशु जिसके लिये माता की गोद ही स्वर्ग है , जिसके लिये उसके चारों ओर का वातावरण ही निसर्ग है , धीरे-धीरे बड़ा होता है , अपने संसार... Hindi · कविता · संदेश 38 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Oct 2024 · 1 min read दर्द- ए- दिल दर्द उठता , बढ़ता , बढ़कर फ़ुग़ाँ नही होता , कुछ इधर , उधर, कसमसाता , बयाँ नही होता , ज़ब्ते ग़म नही छुपता , अश्क बन छलक ही जाता... Hindi · कविता 27 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Oct 2024 · 1 min read इंतज़ार अच्छे दिन का ? आजकल नकली कारोबार का बोल बाला है , झूठ को छद्म से सच जैसा बनाकर पेश किया जाता है , लोगों के अज्ञान का फायदा उठाकर उन्हें बहकाया जाता है... Hindi · कविता · सामयिकी 31 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Oct 2024 · 1 min read विजय - पर्व संकल्प आओ इस दिवस पर हम संकल्प लें अनीति को समाप्त कर नैतिकता स्थापित करें , छद्म , प्रपंच , भ्रष्ट आचरण उजागर करें , नाटकीयता ,एवं झूठ के आवरण नष्ट... Hindi · आवाहन · कविता 25 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Oct 2024 · 1 min read सार्थक जीवन - मंत्र दिवास्वप्न तंन्द्रा तिमिर से नवप्रकाश में पदार्पण किया , भ्रान्तियों के छद्मजाल से अलग हो सत्य संज्ञान लिया , आधारहीन कुतर्क से विलग हो प्रज्ञाशील तर्क मान्य किया , त्याग... Hindi · कविता 34 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Sep 2024 · 1 min read तन्हा इस शहर की गलियों में जिधर देखो हुजूम है , इस इन्सानी सैलाब में अजब दीनी जुनूँ है , हर शख़्स लगता है बे-परवा दुनिया से , अपने में मगन... Hindi · कविता 66 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Sep 2024 · 1 min read त्रासदी हालातों का तमाशा देखते हुए हम जी रहे हैं , मूकदर्शक बने हम मजबूर होकर रह गए हैं , संविधान और नागरिक अधिकार वस्तुस्थिति में , सिर्फ कोरी बातें होकर... Hindi · कविता 1 77 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Sep 2024 · 1 min read मतलबी जानकर भी वो अनजान से बने है , बेगाने ही सही हम खुद अपनी पहचान बने है , उनकी फ़ितरत का रुख़ हम जानते है , मरासिम को वो नफ़े... Hindi · कविता 58 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Sep 2024 · 1 min read मुसीबत एक चींटी हाथी को परेशान कर देती है , एक मक्खी शेर को बेचैन कर देती है , एक मधुमक्खी हुलिया बिगाड़ रख देती है , एक मछली तालाब को... Hindi · कविता 1 78 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Sep 2024 · 1 min read आगाह ज़माने का रुख़ इस क़दर फ़रेबी है , यहाँ सीरत पर सूरत की फ़ितरत भारी है , बच उन राहों से जो अज़ाब की ओर ले जाते हैं , जो... Hindi · कविता 60 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Sep 2024 · 1 min read ज़िंदा दोस्ती क्या हुआ ? कैसे हुआ ? कब हुआ ? समझ ना पाऊं ! एक ही दिन में तू कैसे बदल गया ? समझ ना पाऊं ! किसी की साज़िश है... Hindi · कविता 70 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Sep 2024 · 1 min read राजनीति के फंडे राजनीति के फंडे भी बड़े अजीब हैं , सत्ता की होड़ में नेता एक दूसरे की टांग खींचते रहते हैं , अपना कद दूसरे के कद से बड़ा करने की... Hindi · कविता · व्यँग 39 Share Shyam Sundar Subramanian 3 Sep 2024 · 1 min read प्रेरणा एक छोटा सा पौधा ! जिसकी कोपलें अभी खिली हीं थी , शरारती हाथो द्वारा जड़ से उखाड़ फेंका गया , बेचारा दर्द के मारे सुबकता रहा , हवा का... Hindi · कविता · काव्य प्रसंग 59 Share Shyam Sundar Subramanian 29 Aug 2024 · 1 min read बीती यादें वो सुनाते रहे गुज़िश्ता लम़्हों के किस्से , मैं डोलता रहा माज़ी की यादों में जिनसे , कुछ खट्टे - मीठे तसव्वुरात , कुछ ग़मगीन लम़्हे , कुछ शिक़वे ,... Hindi · कविता 41 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Aug 2024 · 1 min read तत्वहीन जीवन क्या कहना ? क्या सुनना ? मूकबधिर हो रह गया हूँ ! विवादों से स्वतंत्र ! स्वअस्तित्व रक्षा में निरापद हो गया हूँ ! अर्थ और अनर्थ ! तर्क और... Hindi · अनुभूति · कविता 50 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Aug 2024 · 1 min read नारी- शक्ति आह्वान उठो ! बढ़ो ! अब अति हो गई ! अबला निरूपित नारी ! तोड़ दो ! दंभ इन दानवों का दिखा दो ! अपनी शक्ति सारी ! हो स्वतंत्र !... Hindi · कविता 1 2 54 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Aug 2024 · 1 min read रक्षा बंधन कच्चे धागों का अटूट बंधन , हृदय से हृदय का स्पंदन , अभिभूत विचार सरिता , परस्पर संवेदनशीलता , निर्वहन की निष्ठा , अविच्छिन्न प्रतिबद्धता , संकल्पित अनुपालन , प्रतीकात्मक... Hindi · कविता · संकल्प 1 61 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Aug 2024 · 1 min read अटूट प्रेम हे मित्र ! तेरे शब्द बाण मेरे हृदय को चीर गए , मेरे अंतस्थ बसे तेरे प्रेम को विखंडित कर गए , फिर भी मुझे क्यों आभास होता है ?... Hindi · एहसास · कविता 1 65 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Aug 2024 · 1 min read संकल्प आओ इस स्वतंत्रता दिवस पर हम एक संकल्प ले ! समूह मानसिकता से परे , व्यक्तिगत स्वतंत्रता निर्माण करें ! सह -अस्तित्व समभाव स्थापित हो ! द्वेष- क्लेष नष्ट करें... Hindi · आह्वान · कविता 51 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Aug 2024 · 1 min read मैं हिन्दुस्तानी ! ना हिंदू , ना मुसलमान, ना सिक्ख, ना ईसाई , मैं हूँ हिन्दुस्तानी ! हमवतन सब मेरे भाई , इंसानियत मेरा ज़मीर , नेक- निय्यत मेरा ईमान , हुब्बुल-वतनी मेरा... Hindi · आह्वान · कविता 57 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Aug 2024 · 1 min read मज़लूम ज़िंदगानी बहुत सोच कर भी कुछ न कह पाती है , इस- क़दर जज़्बातों को दफ़्न किए जाती है , ज़ेहन में ख़यालों की आमेज़िश कभी थमती नही , चाह कर... Hindi · एहसास · कविता 73 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Jul 2024 · 1 min read दुविधा रोजमर्रा की आपाधापी में हम कठपुतली से बनकर रह गए हैं , कुछ पल तसल्ली से अपनों के साथ गुज़ारने को तरस गए हैं , कभी बढ़ती महंगाई से बिगड़ते... Hindi · उद्-गार · कविता 63 Share Shyam Sundar Subramanian 16 Jul 2024 · 1 min read रफ़्तार - ए- ज़िंदगी रफ़्ता - रफ़्ता ज़िंदगी में हम बढ़ते रहे , कभी मसर्रत की फ़िज़ा रही , कभी गम के बादल मंडराते रहे , लम्हों का जुलूस रवां - दवां रहा ,... Hindi · कविता 83 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Jul 2024 · 1 min read कशिश रास्ते कुछ जाने पहचाने से पर राहनुमा अनजाने से , मंज़िलें भी कुछ पहचानी सीं पर कुछ बदली- बदली सीं , लगता है हक़ीक़त से दूर ख़्वाबों के शहर आ... Hindi · कविता 1 70 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Jul 2024 · 1 min read क़ुर्बानी ज़िंदगी भर हालातों से लड़ता रहा कभी हार नही मानी , हालाते हाज़िरा में अपनों से लड़ न सका आख़िर हार मानी , अपनो से हार का समझौता दिल से... Hindi · एहसास · कविता 76 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Jul 2024 · 1 min read आधारभूत निसर्ग सुबह की प्रथम किरण ने नवोदय का संदेश दिया , विगत संतापों को विस्मृत कर नवऊर्जा का संचार किया, स्वप्निल वारिद से यथार्थ के आयाम में पदार्पण किया, सतत् संघर्षरत्... Hindi · कविता 75 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Jul 2024 · 1 min read छोटी - छोटी बातें छोटी - छोटी बातों के अर्थ भी बहुत गहरे होते हैं , कुछ ऐसे जटिल प्रश्न प्रस्तुत करते हैं , जो सामान्य समझ से परे होते हैं , शब्दों का... Hindi · कविता 73 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Jul 2024 · 1 min read जुदाई मुझे ठुकरा कर तो जा रहे हो तुम , याद रखना बहुत पछताओगे तुम , जब कभी तन्हा रहोगे तुम , तब मुझे अपने दिल के करीब पाओगे तुम ,... Hindi · एहसास · कविता 69 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Jul 2024 · 1 min read कभी - कभी बुलबुले सी है ये ज़िंदगी , हादसों के दोस पर फ़ना है ये ज़िंदगी , कभी खुशियों का जहान , कभी ग़मों का सामान है ये ज़िंदगी , कभी कुछ... Hindi · कविता 76 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Jun 2024 · 1 min read एहसास - ए - दोस्ती वक्त आने पर अपनों और गैरों की पहचान होती है , हमदर्द और ख़ुदगर्ज़ के बीच फ़र्क की पहचान होती है, वो अजनबी जो मुसीबत में साथ दे , दोस्ती... Hindi · कविता 97 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Jun 2024 · 1 min read हादसे ज़िंदगी में कुछ ऐसे हादसे पेश आते हैं , यह क्या हुआ ? कैसे हुआ ? क्यों हुआ ? हम सोचते रह जाते हैं , वक्त की गर्दिश में किसी... Hindi · कविता 2 103 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Jun 2024 · 1 min read कठपुतली कुछ सहमा- सहमा सा कुछ दबा - दबा , कुछ भीतर ही भीतर लड़ता हुआ , अंतरद्वन्द से मुक्त होकर , मुखर होने का प्रयास करता हुआ , अभिव्यक्त होने... Hindi · कविता 67 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Jun 2024 · 1 min read भरम आलम -ए - तन्हाई है , फिर ये जुस्तुजू किसकी है , जो बहार अब तक ना आई , फिर गुलों में ये खुशबू किसकी है , हर सम्त तीरगी... Hindi · कविता 1 88 Share Shyam Sundar Subramanian 20 May 2024 · 1 min read बदलाव हर अंधेरी रात के बाद रोशन सुबह का आग़ाज़ होता है हर ग़म के बाद फिर खुशी का एहसास होता है , 'अमल -ए -इर्तिका में शाहकार मिटते बनते रहते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 58 Share Shyam Sundar Subramanian 20 May 2024 · 1 min read इंसानियत का वुजूद झूठ का बोलबाला है , सच बोलने वाले का मुंह काला है , दर परत झूठ की परतों में सच्चाई को छुपाया जाता है , बार-बार झूठ सुनने से सच... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 2 61 Share Shyam Sundar Subramanian 19 May 2024 · 1 min read असर निग़ाहे नाज़ का ये असर है जिससे तू बे-ख़बर है , दीवाना बना दे ज़माने को ऐसी तेरी नजर है , चश्मे साग़र से पिला मदहोश कर देती हो ,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 60 Share Page 1 Next