संजय निराला 46 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संजय निराला 14 Mar 2025 · 1 min read कहे निराला ज्ञान भोर कहे अनुपम गहे, आओ कर लो सैर। छटा सुहानी जा रही, उससे कैसा बैर।। रजनी जगती रातभर, दिनकर को कर याद। वाद मिटे बदले समय, बन जाये अब साद।।... 12 Share संजय निराला 14 Mar 2025 · 1 min read सारे दंगों से भला, होली का हुडदंग। सारे दंगों से भला रहे , होली का हुडदंग। जातिपाँत जो भस्मसात कर, भरे प्रेम का रंग।। जोगीरा सा रा रा जोगीरा सारा रा भरें प्रेम का रंग जगत में,... Quote Writer 15 Share संजय निराला 14 Mar 2025 · 1 min read रंग बिरंगी मुखमंडल लख, फिर दे कोई ज्ञान। रंग बिरंगी मुखमंडल लख, फिर दे कोई ज्ञान। होली ऐसी पावन है की, मिटे सभी पहचान। जोगीरा सा रा जोगीरा सा रा रा मिटे सभी पहचान जगत में, मिलजुल गाते... Quote Writer 17 Share संजय निराला 14 Mar 2025 · 1 min read जातिवाद को मनमें रखकर, लोग करे व्यवहार। जातिवाद को मनमें रखकर, लोग करे व्यवहार। मनोवृत्ति यह कुंठित लेकर, खोजें निज उद्धार।। जोगीरा सा रा रा जोगीरा सा रा रा खोजें निज उद्धार जगत में, खाक किये बिन... Quote Writer 11 Share संजय निराला 14 Mar 2025 · 1 min read खत्म करें सब मतभेदों को, होली वो त्योहार। खत्म करें सब मतभेदों को, होली वो त्योहार। रंगों की अपनी पूँजी का, विस्तृत कर आकार।। ढोल बजाते नाचें गाये, मिलजुल सब परिवार। रंग बिरंगी खुशियाँ लेकर, पहुँचे हर घर... Quote Writer 14 Share संजय निराला 14 Mar 2025 · 1 min read भरी रहे जब जेब जगत में, सबदिन हो त्योहार। भरी रहे जब जेब जगत में, सबदिन हो त्योहार। निज नयनों से देखों भाई, गली गली बाजार।। गली गली बाजार लखे हम, रह जाते अनजान। कितने बिन भोजन के जगमें,... Quote Writer 13 Share संजय निराला 14 Mar 2025 · 1 min read काम रहेगें जब तक जग में, होगे ही रे पाप। काम रहेगें जब तक जग में, होगे ही रे पाप। काम नाश होते ही तो, मिट जाते सब ताप।। जोगीरा सा रा रा जोगीरा सा रा रा गीता ऐसी ग्रंथ... Quote Writer 16 Share संजय निराला 14 Mar 2025 · 1 min read सुबह सबेरे उठकर हरदम, जपो सदा हरिनाम। सुबह सबेरे उठकर हरदम, जपो सदा हरिनाम। पार गमन मन का थम जाये, मिटे जगत संग्राम।। जोगीरा सा रा रा, जोगीरा सा रा रा मिटे जगत संग्राम सदा जब, हरते... Quote Writer 14 Share संजय निराला 13 Mar 2025 · 1 min read लोग करें क्यों छल रे भाई, जब जीवन है अल्प। लोग करें क्यों छल रे भाई, जब जीवन है अल्प। ध्यान ज्ञान से क्यों ना करते, अपना काया कल्प।। जोगीरा सा रा रा, जोगीरा सा रा रा जैसे को तैसा... Quote Writer 16 Share संजय निराला 13 Mar 2025 · 1 min read *गले लगाओ मिलकर नाचें, डालें रंग गुलाल। *गले लगाओ मिलकर नाचें, डालें रंग गुलाल। अनचाहे जो लग जाये तो,नहीं फुलाओ गाल।। जोगीरा सा रा रा, जोगीरा सा रा रा मान गए वो बातें मेरी, तुम भी जाओ... Quote Writer 16 Share संजय निराला 12 Mar 2025 · 1 min read दोष विषमता बढ़ रही, ले भ्रामक उन्माद। दोष विषमता बढ़ रही, ले भ्रामक उन्माद। मानवता को मारकर, नीच करे भी नाद। रंग संग रमजान का, लख आया संयोग। आओ मिल उत्सव करें, मिट जाये सब सोग।। संजय... Quote Writer 1 19 Share संजय निराला 12 Mar 2025 · 1 min read खेती कर आतंक का, खोज रहे हैं चैन। खेती कर आतंक का, खोज रहे हैं चैन। भेद रहित संसार रे ,देखें अपने नैन।। जो बोये सो काट कर, रखें सभी निज गेह। दुख देकर कब सुख मिले, कहते... Quote Writer 16 Share संजय निराला 12 Mar 2025 · 1 min read बीत गया जो लौट कर, कब आये है बोल। बीत गया जो लौट कर, कब आये है बोल। पल-पल का उपयोग कर, मनुज समय अनमोल।। दोष विषमता बढ़ रही, हर उर में उन्माद। मानवता को मार कर,नीच करें है... Quote Writer 17 Share संजय निराला 12 Mar 2025 · 1 min read रंग संग रमजान का , लख आया संयोग। रंग संग रमजान का, लख आया संयोग। आओ मिल उत्सव करें, मिट जाये सब सोग। _संजय निराला Quote Writer 20 Share संजय निराला 7 Mar 2025 · 1 min read धूल जमी ना हट सकी ,ऐनक बदले रोज। धूल जमी ना हट सकी ,ऐनक बदले रोज। इससे अच्छा क्या रहा,दुनियाँ में रे खोज।। संजय निराला Quote Writer 23 Share संजय निराला 7 Mar 2025 · 1 min read *आत्मश्लाघा के धनी, देते है अब ज्ञान। *आत्मश्लाघा के धनी, देते है अब ज्ञान। इससे उत्तम क्या रहा,विद्या का अपमान।। गीता का व्याख्यान दे, लिप्त रहे निज देह। कहे निराला देख लो, अंधड़ उगे सरेह।। संजय निराला* Quote Writer 22 Share संजय निराला 7 Mar 2025 · 1 min read *आत्मश्लाघा के धनी, देते है अब ज्ञान। *आत्मश्लाघा के धनी, देते है अब ज्ञान। जगमें क्या इससे बड़ा,विद्या का अपमान।। गीता का व्याख्यान दे, लिप्त रहे निज देह। कहे निराला देख लो, अंधड़ उगे सरेह।। संजय निराला* Quote Writer 25 Share संजय निराला 6 Mar 2025 · 1 min read जन्में भारत भूमि पर, नारी से भगवान। जन्में भारत भूमि पर, नारी से भगवान। स्वादनीय आचार ले, भूल रही पहचान।। देहवान में लिप्त हो, कुंठित करते ज्ञान। देहपात निश्चित रहे,भूले सकल जहान।। पुरुष सदा ही ज्ञान है,... Quote Writer 20 Share संजय निराला 5 Mar 2025 · 1 min read गीता अद्भुत ग्रंथ है, माधव का संदेश। गीता अद्भुत ग्रंथ है, माधव का संदेश। आत्मसात करते चलो,जीव मिटे रे क्लेश।। जीव मिटे जब क्लेश है, ध्यान लगे मनयोग। आत्मशुद्धि के संग ही, मिट जाते सब रोग।। संजय... Quote Writer 26 Share संजय निराला 9 Feb 2025 · 1 min read दर्द को दिल में छुपाये दर्द को दिल में छुपाये लोर भी दृग में बसाये लो चले अब तो जहाँ से मौन ही लखकर धुआँ से संजय निराला Quote Writer 42 Share संजय निराला 9 Feb 2025 · 1 min read बुरे भले सुख दुख सहे, धूप छाँव दिन रात। बुरे भले सुख दुख सहे, धूप छाँव दिन रात। संत हृदय जो भी रहे, चलते तज तन पात।। संजय निराला Quote Writer 1 1 28 Share संजय निराला 9 Feb 2025 · 1 min read कहन को जीवात्मा ज्ञानी सभी कहन को जीवात्मा ज्ञानी सभी हुए देह धारी लिए मद अभी मगन हो जगत में चले जा रहे अगन देह में भी सदा ही गहे _संजय निराला Quote Writer 27 Share संजय निराला 7 Feb 2025 · 1 min read रोना उचित नहीं रे, संशय रखे हृदय में रोना उचित नहीं रे, संशय रखे हृदय में मंज़िल उसे मिला है, जो स्पष्ट हो उदय में माना सभी डगर है, मुश्किल लिए जहाँ में पर रोक कब सके वो,जो... Quote Writer 40 Share संजय निराला 6 Feb 2025 · 1 min read सांस उधारी का लिये, क्यों करते संकल्प। सांस उधारी का लिये, क्यों करते संकल्प। ज्ञानवान कहते सदा, है उधार तो अल्प।। _संजय निराला Quote Writer 1 39 Share संजय निराला 6 Feb 2025 · 1 min read रा+म= राम रा+म= राम रा का अर्थ है देदीप्यमान देदीप्यमान मतलब यशस्वी म का अर्थ है मेरा अतः राम का अर्थ मेरा देदीप्यमान _संजय निराला Quote Writer 1 37 Share संजय निराला 6 Feb 2025 · 1 min read अर्पण कर दो राम को, बचे हुए सब श्वास। अर्पण कर दो राम को, बचे हुए सब श्वास। ध्यान रखों प्रभु का सदा, मन में भर उल्लास।। मौत मरेगा भी सदा, फिर ना आये पास। राम धाम में तुम... Quote Writer 1 40 Share संजय निराला 6 Feb 2025 · 1 min read सदा मिलन की आस में, तड़प रही है श्वास। सदा मिलन की आस में, तड़प रही है श्वास। नाथ बना लो दास अब, युगगत मिटे प्रवास।। _संजय निराला Quote Writer 1 38 Share संजय निराला 6 Feb 2025 · 1 min read लब्जो से हम खेलते, रिश्तों का ले चाक। लब्जो से हम खेलते, रिश्तों का ले चाक। हाथ लगा कब कुछ जहाँ, हर्ष बसे भी ताक।। _संजय निराला Quote Writer 26 Share संजय निराला 5 Feb 2025 · 1 min read खिलौना बना आदमी देखिए बहाते सदा नीर को लेखिए , खिलौना बना आदमी देखिए | कहानी बनाये करे भी अदा, विधाता बने भी जहाँ में सदा | अविद्या रखे भी उन्हें लेखिए, खिलौना बना... 23 Share संजय निराला 5 Feb 2025 · 1 min read दिये जख्म किसने जहाँ क्या कहें निभा रश्म को भी चले जा रहें, दिये जख्म किसने जहाँ क्या कहें शिकायत करे राह तौहीन है जमीं पर सभी देह शौकीन है उधारी मिले अब लिये जा रहे... 26 Share संजय निराला 5 Feb 2025 · 1 min read वर्ण बात करें स्वाध्याय की, गीता भी दिन-रात | उचित रहे कब कथ्य यह, वर्ण बताते जात ||1 ज्ञान निहित स्वाध्याय की, हरिमुख वर्णित बात | उचित कहाँ यह कथ्य है,... 24 Share संजय निराला 5 Feb 2025 · 1 min read झमेले बहुत है जगत में यहाँ बताये तुम्हें क्या सुनोगे जहाँ , झमेले बहुत है जगत में यहाँ | सुहाते रिझाते अमय हो सभी, नियम को बनाये अनय ले अभी | पका स्वाद संदेश हो कह... 45 Share संजय निराला 5 Feb 2025 · 1 min read पदवी न काम आयेगा पदवी न काम आयेगा नगदी न लाभ लायेगा तन जलेगा शमशान में दंभ धरा रह जायेगा। लोक लुभावन सपने भी मोह दिखाते अपने भी साथ रहेगें पल दो पल संग... Quote Writer 39 Share संजय निराला 5 Feb 2025 · 1 min read प्रेम दया वैसे रहे, प्रेम दया वैसे रहे, जैसे मद बाजार। पाते जो पागल हुए, देते जो लाचार।। सीता ने जब की दया, छुटा राम का साथ। जीवन भर पीड़ा सही, मरती पिट-पिट माथ।।... Quote Writer 27 Share संजय निराला 5 Feb 2025 · 1 min read महाकाव्य लिखकर दिखलाऊँ | महाकाव्य लिखकर दिखलाऊँ | जगत बीच खद्योत कहाऊँ | बने ज्योति का भी हरकारा | करूँ दूर भी जगत अंँधेरा || नहीं दंभ है कोई मन में | नहीं तृष्ण... Quote Writer 40 Share संजय निराला 5 Feb 2025 · 1 min read बताये तुम्हें क्या सुनोगे जहाँ , बताये तुम्हें क्या सुनोगे जहाँ , झमेले बहुत है जगत में यहाँ | सुहाते रिझाते अमय हो सभी, नियम को बनाये अनय ले अभी | पका स्वाद संदेश हो कह... Quote Writer 41 Share संजय निराला 5 Feb 2025 · 1 min read हँसने वाले हँसते रहते हँसने वाले हँसते रहते रोने वाले रोते है भाग्य लिखा जिसके जो भी दुनियाँ में वो मिलते हैं शिकवा कोई क्या करना सब कर्मो का खेला है हाथ लुकाठी लेकर... Quote Writer 36 Share संजय निराला 5 Feb 2025 · 1 min read कर्मफल से कौन बचा कर्मफल से कौन बचा हरदम कहे खरीफ चाक बन जो यहाँ पिसे पत्थर रहे सरीफ!! __संजय निराला Quote Writer 26 Share संजय निराला 5 Feb 2025 · 1 min read चाँद भटका सदी से बहुत रात भर चाँद भटका सदी से बहुत रात भर ले जहाँ में हमेशा नयी चांदनी बंद फाटक किये यूँ न वाकिफ़ रहे नीत खोये रहे ले अगन रागनी __संजय निराला Quote Writer 36 Share संजय निराला 5 Feb 2025 · 1 min read चौराहे पर लुट गया चीर चौराहे पर लुट गया चीर नीर बहाता रह गया धीर रे मन क्यों तूं जीता भ्रम में ख्वावों से कब बनता खीर संजय निराला Quote Writer 27 Share संजय निराला 5 Feb 2025 · 1 min read आसूंओं की है सदा, अपनी ही दास्तान। आसूंओं की है सदा, अपनी ही दास्तान। बिन इसके हरदम जहाँ, जीवन हो वीरान ।। __संजय निराला Quote Writer 27 Share संजय निराला 5 Feb 2025 · 1 min read आज यहाँ जो कल न रहेगा आज यहाँ जो कल न रहेगा सत्य यही है काल कहेगा व्यर्थ जहाँ में कुंठित सारे पथिक सभी ही है रे प्यारे।। स्वजन नहीं कोई अपना है भूल-भुलैया यह सपना... Quote Writer 27 Share संजय निराला 5 Feb 2025 · 1 min read आज है जो आज है जो कल न रहेगा सत्य है यह काल कहेगा व्यर्थ मे कुंठित होते प्यारे मुसाफिर तो है जग सारे। _संजय निराला Quote Writer 27 Share संजय निराला 5 Feb 2025 · 1 min read छल में इतना तेज कहाँ है, छल में इतना तेज कहाँ है, कुंद करें जो धार| वो तो हरदम खुद में उलझा, दुख का बन संचार ||1 कहाँ उद्वेग उसमें उतना, जितना कल में वेग |... Quote Writer 24 Share संजय निराला 5 Feb 2025 · 1 min read जीव सदा जग में बेचारा जीव सदा जग में बेचारा काल चक्र से जो है हारा नियति यही है जीवन प्यारे व्यर्थ रहे तुम विस्मित सारे जी ले जीवन क्यों तू खोये बैठ जहाँ में... Quote Writer 29 Share संजय निराला 5 Feb 2025 · 1 min read देख यहाँ अब त्रासदी, नैना बहते लोर | देख यहाँ अब त्रासदी, नैना बहते लोर | कोष रही अब भारती, कहाँ गयी वो भोर | Quote Writer 37 Share