आज है जो
आज है जो
कल न रहेगा
सत्य है यह
काल कहेगा
व्यर्थ मे कुंठित होते प्यारे
मुसाफिर तो है जग सारे।
_संजय निराला
आज है जो
कल न रहेगा
सत्य है यह
काल कहेगा
व्यर्थ मे कुंठित होते प्यारे
मुसाफिर तो है जग सारे।
_संजय निराला