यदि एक अवसर मिलता तो क्या करती?

यदि एक अवसर मिलता तो क्या करती?
यदि अवसर मिलता तो
जीवन सुधार लेती
जो गलतियां मैंने अबतक की हैं
उन गलतियों को दुबारा नहीं करती
मैं खुद को बनाती
यदि अवसर मिलता
मैं दुनियां को भूल जाती
खुद में खो जाती
अरे! अवसर मिला तो है
आज अभी
क्योंकि मैं जीवित हूं अभी
फिर कैसे कहूं कि अवसर मिला नहीं
अवसर तो हर दिन मिलता है
जीने का,
जीवन में कुछ करने का
गलतियां सुधारने का
यही तो है सुअवसर
_ सोनम पुनीत दुबे “सौम्या”