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8 Feb 2025 · 1 min read

मुंहदिम होते जा रहे हैं आजकल रिश्ते, हर लफ़्ज़ में उलझे हुए

मुंहदिम होते जा रहे हैं आजकल रिश्ते, हर लफ़्ज़ में उलझे हुए हैं बेअसर रिश्ते।

जो दिल के क़रीब थे, वो दूर हो गए, बिखरते जा रहे हैं अब शजर रिश्ते।

यार बातें तो होती हैं, मगर जज़्बात गुम, ख़ामोशियों में खो गए हैं बेख़बर रिश्ते।

पहले जो हंसते थे, अब रोने लगे, जाने कहाँ खो गए वो ख़ुशग़ुज़र रिश्ते।

दिलों में जगह नहीं, अदाओं में प्यार है, सिर्फ़ दिखावे के बने हैं मुक़द्दर रिश्ते…!!!!

♥️ उदाहरण :-
मुंहदिम होता चला जाता है दिल साल-ब-साल
ऐसा लगता है गिरह अब के बरस टूटती है
(इफ़्तिख़ार आरिफ़…✍)

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