काम रहेगें जब तक जग में, होगे ही रे पाप।

काम रहेगें जब तक जग में, होगे ही रे पाप।
काम नाश होते ही तो, मिट जाते सब ताप।।
जोगीरा सा रा रा जोगीरा सा रा रा
गीता ऐसी ग्रंथ हमारी, जो माधव संदेश।
पढ़ कर जो अनुपालन करते, मिटे सभी लवलेश।।
जोगीरा सा रा रा, जोगीरा सा रा रा
पाप पुण्य के चक्कर में तो, फसते है नादान।
ढोल बजाकर बोल रहे हैं, भस्म करते मसान।।
जोगीरा सा रा रा, जोगीरा सा रा रा
कर्म पथिक तो चलते रहते, भजते हरदम राम।
दुर्गम राहों पर भी जग में, सदा बसाते ग्राम।।
जोगीरा सा रा रा जोगीरा सा रा रा
सदा बसाते ग्राम जगत में, देते हैं संदेश।
जातिवाद को छोड़ो भैया, खुशी बसे परिवेश।।
जोगीरा सा रा रा , जोगीरा सा रा रा
संजय निराला
#होली_विशेषांक