Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Mar 2024 · 1 min read

– नफरत के खाते में मोहब्बत के चैक अक्सर रिटर्न हो जाते हैं –

नफरत के खाते में मोहब्बत के चैक अक्सर रिटर्न हो जाते है –
दिल जिस पर आता है वो दिल में समाते है,
आंखे से होता है प्यार और वो दिल में जगह बनाते है,
एक – दूसरे पर अपनी जान लुटाते है,
एक – दूसरे को न देखे तो बेचैन हो जाते है,
मिलने पर एक दूसरे को अपने दिल का हाल सुनाते है,
गलत फहमी , गिले शिकवे मिटाते है,
एक दूसरे को समझते है और एक दूसरे को समझाते है,
ना मिलने पर एक दूसरे पर नाराजगी जताते है,
एक दूसरे पर अपना अधिकार बताते है,
ज्यादा अगर दूरिया बढ़ जाए तो एक दूसरे के लिए खतरनाक हो जाते है,
क्योंकि नफरत की बैंक में मोहब्बत के चैक अक्सर रिटर्न हो जाते है,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान

Language: Hindi
231 Views

You may also like these posts

श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण
Raju Gajbhiye
#ਜੇ ਮੈਂ ਆਖਾਂ ਨਹੀਂ ਜਾਣਾ
#ਜੇ ਮੈਂ ਆਖਾਂ ਨਹੀਂ ਜਾਣਾ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
धन तो विष की बेल है, तन मिट्टी का ढेर ।
धन तो विष की बेल है, तन मिट्टी का ढेर ।
sushil sarna
गहराई.
गहराई.
Heera S
मरहम
मरहम
Vindhya Prakash Mishra
हंसवाहिनी दो मुझे, बस इतना वरदान।
हंसवाहिनी दो मुझे, बस इतना वरदान।
Jatashankar Prajapati
मिथिलाक बेटी
मिथिलाक बेटी
श्रीहर्ष आचार्य
क़िस्मत की सज़ा
क़िस्मत की सज़ा
Rekha khichi
नैन सोम रस ग्लास
नैन सोम रस ग्लास
RAMESH SHARMA
अंतर मन की हलचल
अंतर मन की हलचल
कार्तिक नितिन शर्मा
बड़भागिनी
बड़भागिनी
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
"सोचता हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
सुखों की आस अब नव वर्ष से हमने लगाई है
सुखों की आस अब नव वर्ष से हमने लगाई है
नूरफातिमा खातून नूरी
मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर
मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर
gurudeenverma198
परी
परी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चेहरे के पीछे चेहरा और उस चेहरे पर भी नकाब है।
चेहरे के पीछे चेहरा और उस चेहरे पर भी नकाब है।
सिद्धार्थ गोरखपुरी
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
पर्यावरण
पर्यावरण
Rambali Mishra
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
पूर्वार्थ
वयोवृद्ध कवि और उनका फेसबुक पर अबतक संभलता नाड़ा / मुसाफिर बैठा
वयोवृद्ध कवि और उनका फेसबुक पर अबतक संभलता नाड़ा / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
"पेड़ पौधों की तरह मनुष्य की भी जड़ें होती हैं। पेड़- पौधों
इशरत हिदायत ख़ान
*होंश खोकर जिंदगी कभी अपनी नहीं होती*
*होंश खोकर जिंदगी कभी अपनी नहीं होती*
भूरचन्द जयपाल
कफन
कफन
Mukund Patil
किताबों से ज्ञान मिलता है
किताबों से ज्ञान मिलता है
Bhupendra Rawat
वो 'मां' कहलाती है
वो 'मां' कहलाती है
Shikha Mishra
मौत ने पूछा जिंदगी से,
मौत ने पूछा जिंदगी से,
Umender kumar
लव जिहाद_स्वीकार तुम्हारा ना परिणय होगा...
लव जिहाद_स्वीकार तुम्हारा ना परिणय होगा...
पं अंजू पांडेय अश्रु
*मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं (राधेश्य
*मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं (राधेश्य
Ravi Prakash
बस हम ही एक गलत हैं
बस हम ही एक गलत हैं
Dr. Man Mohan Krishna
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
Loading...