बिना ग्लिसरीन

बिना ग्लिसरीन
टसुए बहाना भी
एक बड़ी कला है।
जिसमें काफ़ी स्कोप भी है
तरक़्क़ी का। फ़िल्मों से
सियासत तक।
🙅प्रणय प्रभात🙅
बिना ग्लिसरीन
टसुए बहाना भी
एक बड़ी कला है।
जिसमें काफ़ी स्कोप भी है
तरक़्क़ी का। फ़िल्मों से
सियासत तक।
🙅प्रणय प्रभात🙅