अदरक
लगा था कूटने तुमको,
मगर वो याद आँ बैठे
नही अब हाथ चलता है,
दर्द भी दिल मे होता है
मगर कूटे बिना तुमको,
मेरी ये चाय नहीं बनती
मेरी मजबूरी तुम देखो,
मेरा ये प्यार भी देखो
तेरा कूटना जरूरी है,
नही तो कुटाई मेरी पक्की
तुझे मैं प्यार से कूटू,
अगर माने ना बुरा बोली
तेरा कूटना जरूरी है,
मेरी इस चाय की खातिर
ललकार भारद्वाज