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28 May 2024 · 1 min read

57…Mut qaarib musamman mahzuuf

57…Mut qaarib musamman mahzuuf
fa’uulun fa’uulun fa’uulun fa’al 122 122 122 12
हँसी चेहरा से सामना हो गया
बिना कुछ कहे सब अता हो गया
#
हमारे उसूलों तलाशी करो
ये खोना भी अब,सिलसिला हो गया
#
हमी से गुलामी कराने लग़ा
यहाँ बादशा साथ का हो गया
#
मना लूँ तसल्ली से उसको अभी
कहीं दूर का फासला हो गया
#
कहीं मातमी धुन सुना तो लगा
शहादत नुमा हादसा हो गया
#
दबे पाँव चल के,गया था कहीं
शिकारी वही, लापता हो गया
#
नही जानता वो किसी प्यार को
वही अजनबी बारहा हो गया
#
सुशील यादव
न्यू आदर्श नगर दुर्ग (छ.ग.)
susyadav7@gmail.com
7000226712

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