हँसने वाले हँसते रहते

हँसने वाले हँसते रहते
रोने वाले रोते है
भाग्य लिखा जिसके जो भी
दुनियाँ में वो मिलते हैं
शिकवा कोई क्या करना
सब कर्मो का खेला है
हाथ लुकाठी लेकर चलना
जग तो स्वार्थी मेला है
__संजय निराला
हँसने वाले हँसते रहते
रोने वाले रोते है
भाग्य लिखा जिसके जो भी
दुनियाँ में वो मिलते हैं
शिकवा कोई क्या करना
सब कर्मो का खेला है
हाथ लुकाठी लेकर चलना
जग तो स्वार्थी मेला है
__संजय निराला