लेखक होने का आदर्श यही होगा कि
माँ की ममता,प्यार पिता का, बेटी बाबुल छोड़ चली।
जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे
मै पत्नी के प्रेम में रहता हूं
मिटता नहीं है अंतर मरने के बाद भी,
The ability to think will make you frustrated with the world
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
मुराद अपनी कोई अगर नहीं हो पूरी
बहुत कुछ पाना, बहुत कुछ खोना।
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
लिखी हैँ किताबें कई, ज़िन्दगी ने मेरी
****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
Yes some traumas are real.... time flies...everything change
कूच-ए-इश्क़ से निकाला गया वो परवाना,