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25 Jan 2025 · 1 min read

लिखी हैँ किताबें कई, ज़िन्दगी ने मेरी

लिखी हैँ किताबें कई, ज़िन्दगी ने मेरी
सुलझे- अनसुलझे, कई सवाल कर जाती
‘जानकी’ को राम मिले
और “पांचाली’ को पांडव

परीक्षा दोनों की थी,फिर क्यूँ
रामायण और महाभारत रच डाली
मुक्ति 🖋️

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