लिखी हैँ किताबें कई, ज़िन्दगी ने मेरी

लिखी हैँ किताबें कई, ज़िन्दगी ने मेरी
सुलझे- अनसुलझे, कई सवाल कर जाती
‘जानकी’ को राम मिले
और “पांचाली’ को पांडव
परीक्षा दोनों की थी,फिर क्यूँ
रामायण और महाभारत रच डाली
मुक्ति 🖋️
लिखी हैँ किताबें कई, ज़िन्दगी ने मेरी
सुलझे- अनसुलझे, कई सवाल कर जाती
‘जानकी’ को राम मिले
और “पांचाली’ को पांडव
परीक्षा दोनों की थी,फिर क्यूँ
रामायण और महाभारत रच डाली
मुक्ति 🖋️