लोग करें क्यों छल रे भाई, जब जीवन है अल्प।

लोग करें क्यों छल रे भाई, जब जीवन है अल्प।
ध्यान ज्ञान से क्यों ना करते, अपना काया कल्प।।
जोगीरा सा रा रा, जोगीरा सा रा रा
जैसे को तैसा ही मिलता, संयम रख लो संत।
जीवन का तो लक्ष्य यही है, उचित नहीं जो हंत।।
जोगीरा सा रा रा, जोगीरा सा रा रा
संजय निराला
#होली_विशेषांक