Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2024 · 1 min read

गीत

अव करो समाहित मुझको ।
तुम अपने में मिल जाने दो।
भटक रही इस सरिता को ।
गहरा सागर बन जाने दो।
घोर ताप से जलती वगिया ।
‘फूल पात सब मुरझायें है ।
तुम बसन्त बन आ जाओ।
मन मंदिर’ में कब से सोई।
कलियों को खिल जाने दो।।
दंभ भरे पाषाण हदय पर ।
अब प्रेम सुधा बरसाओ।
दग्ध हृदय पर छा जाओ।
लो बांध मुझे बाहुपाश में
अब मुझे धन्य हो जाने दो।।
नव कोपल फूटेगी अब तो।
सूख चुकी इन शाखाओं में।
जीवन दायिनी प्रेम शक्ति दे।
हृदय प्रसून खिल जाने दो।।
जय प्रकाश श्रीवास्तव “पूनम “

Language: Hindi
1 Like · 62 Views
Books from Jai Prakash Srivastav
View all

You may also like these posts

*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ*/ *दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ*/ *दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
"प्रीत-रंग"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ज़िंदगी इतनी मुश्किल भी नहीं
ज़िंदगी इतनी मुश्किल भी नहीं
Dheerja Sharma
वादा करती हूं मै भी साथ रहने का
वादा करती हूं मै भी साथ रहने का
Ram Krishan Rastogi
सुख - डगर
सुख - डगर
Sandeep Pande
अरे! डॉक्टर की बीवी हो
अरे! डॉक्टर की बीवी हो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
Ajay Mishra
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
कृष्णकांत गुर्जर
धुप मे चलने और जलने का मज़ाक की कुछ अलग है क्योंकि छाव देखते
धुप मे चलने और जलने का मज़ाक की कुछ अलग है क्योंकि छाव देखते
Ranjeet kumar patre
खुश होगा आंधकार भी एक दिन,
खुश होगा आंधकार भी एक दिन,
goutam shaw
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
सत्य कुमार प्रेमी
मां कात्यायनी
मां कात्यायनी
Mukesh Kumar Sonkar
संबंधो में अपनापन हो
संबंधो में अपनापन हो
संजय कुमार संजू
यू तो नजरे बिछा दी है मैंने मुहब्बत की राह पर
यू तो नजरे बिछा दी है मैंने मुहब्बत की राह पर
shabina. Naaz
2831. *पूर्णिका*
2831. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सोने का हिरण
सोने का हिरण
Shweta Soni
कुदरत है बड़ी कारसाज
कुदरत है बड़ी कारसाज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कभी कभी कहना अच्छा होता है
कभी कभी कहना अच्छा होता है
Rekha Drolia
" टूटे हुए सपने "
Dr. Kishan tandon kranti
जलहरण घनाक्षरी
जलहरण घनाक्षरी
Rambali Mishra
बड़े सलीके, सुकून और जज़्बात से
बड़े सलीके, सुकून और जज़्बात से
इशरत हिदायत ख़ान
"कद्र "
पूर्वार्थ
तुम हो
तुम हो
Jalaj Dwivedi
*भूल कर इसकी मीठी बातों में मत आना*
*भूल कर इसकी मीठी बातों में मत आना*
sudhir kumar
What strange things did Modi Ji say on foreign soil? The ear
What strange things did Modi Ji say on foreign soil? The ear
DrLakshman Jha Parimal
हंसना रास न आया
हंसना रास न आया
Ashok deep
*बन्नो की सगाई*
*बन्नो की सगाई*
Dr. Vaishali Verma
राम कृपा (घनाक्षरी छंद)
राम कृपा (घनाक्षरी छंद)
guru saxena
कैसा क़हर है क़ुदरत
कैसा क़हर है क़ुदरत
Atul "Krishn"
बिहारी बाबू
बिहारी बाबू
श्रीहर्ष आचार्य
Loading...