Seema katoch 102 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Seema katoch 1 Apr 2020 · 1 min read तब मां याद आती है जब चोट गहरी लगती है तब मां याद आती है... कभी प्यार कभी दुलार तो कभी डांट से समझाती है..... दूर मत जाना, खो जाओगे गिर गए तो चोटिल हो... Hindi · कविता 4 4 297 Share Seema katoch 22 Mar 2020 · 1 min read मृगतृष्णा मरुस्थल में तपते रेत पर, इस छोर से उस छोर कुछ पाने की चाह में, बेतहाशा दौड़ रहे हैं सब दौड़ रहे हैं लेकिन मृगतृष्णा..... ऊंची डाल पर बैठे पंछी... Hindi · कविता 3 7 591 Share Seema katoch 22 Mar 2020 · 1 min read ओस सा मोह दिन के पीछे दवे पांव आती सांझ जब रात का राज्याभिषेक करती है... तब...तब सब कुछ सहम जाता है... अपने पद के मद में चूर, अंधेरा भय और आतंक का... Hindi · कविता 3 4 431 Share Seema katoch 16 Mar 2020 · 1 min read अच्छे थे**** हमें भगवान बना के, तुमने क्या सितम कर दिया अच्छे थे इंसान ही, क्यों पत्थर बना के रख दिया??? Hindi · कविता 3 4 292 Share Seema katoch 16 Mar 2020 · 1 min read काल चक्र****** आज फिर हमने हवाओं को वक्त के साथ बदलते देखा है ये सिर्फ तुम्हारी बात नही औरों को भी करते देखा है। क्यों होउं मैं दुखी और होउं शोकग्रस्त.... आज... Hindi · कविता 3 5 275 Share Seema katoch 15 Mar 2020 · 1 min read हम वो दरख़्त नहीं... बहती हवाएं हमें गिरा दें हम वो दरख्त नहीं, जाने कितने ही तूफान हमसे होकर गुजरे हैं ।। बार बार न इधर का ये रुख किया करें, हमारे रिश्ते जड़ों... Hindi · कविता 4 4 356 Share Seema katoch 15 Mar 2020 · 1 min read रंग बदलते हम.... रंग बदलते हम .... ... रंग बदलता है मौसम तो बदलता है रंग गिरगिट भी.... देखो हमने भी सीख लिया रंग बदलना.... ये तो चलते कुदरत के हिसाब से हमने... Hindi · कविता 4 4 395 Share Seema katoch 13 Mar 2020 · 1 min read ये वक्त भी बीत जाएगा न हो उदास थोड़ा रख साहस जीवन पथ है ये, कभी मोड़ भी तो आएगा उत्साह से कदम बढ़ा आगे पथ सीधा आएगा ये वक्त भी बीत जाएगा...... क्या कभी... Hindi · कविता 3 3 304 Share Seema katoch 12 Mar 2020 · 1 min read और बुन लेती हूं.... रोज़ सुलझा लेती हूं अपने सपनों का ताना बाना और बुन लेती हूं रंग बिरंगे ख्वाब... ख्वाब मेरी इच्छाओं और मेरी कल्पनाओं के, जो कहते हैं.. मुझे भी चाहिए एक... Hindi · कविता 5 6 307 Share Seema katoch 11 Mar 2020 · 1 min read प्रश्नपत्र जिंदगी तेरी ये मनमानी कुछ समझ न आये हर मोड़ पर क्यों तू एक प्रश्नपत्र थमा जाए.... कभी कभी तो तुम लागती हो शिक्षिका मुझे मेरे स्कूल कॉलेज की घूमती... Hindi · कविता 4 6 525 Share Seema katoch 10 Mar 2020 · 1 min read एक मुलाकात चांद से कल रात मेरी खिडकी पर चाँद आकर ठहर गया बोला _कुछ दिन हुए तुम खुश हो नाच रही थी और आज हो एकदम उदास पूछने का तुमसे क्या कर सकता... Hindi · कविता 3 4 568 Share Seema katoch 8 Mar 2020 · 1 min read मुखौटा दिन पर दिन परत दर परत भारी हो रहा मुखौटा असली चेहरा अब थकने लगा/उबने लगा..... कब तक सहना होगा इसका बोझ? सच को झूठ से छुपाना होगा कागज के... Hindi · कविता 3 2 675 Share Seema katoch 7 Mar 2020 · 1 min read कशमकश शब्दों के पंछी चहचहाते शोर मचाते कहाँ कहाँ से मन के आंगन में उड़ उड़ कर आते.... दौड़ दौड़ कर उनके पीछे भागूँ पकड़ कर उनको कैद करना चाहूँ... पर... Hindi · कविता 4 6 564 Share Seema katoch 5 Mar 2020 · 1 min read तनिक ठहरो पथिक अभी और सज रहा है दुनिया का बाज़ार तनिक ठहरो पथिक थोड़ा तो घूम लो.... हर चौराहा सज रहा मोड़ मोड़ पर है रौनक ज़रा देखो तो सब कुछ यहां... Hindi · कविता 3 6 692 Share Seema katoch 5 Mar 2020 · 1 min read तुम क्या जानो तुम क्या जानो कैसे बहती होगी हवा वहां घुट घुट कर रहती होगी हर आहट से सहम जाती होगी क्या होता है..रोज़ का मरना दहशत के माहौल में जीना तुम... Hindi · कविता 3 4 264 Share Seema katoch 5 Mar 2020 · 1 min read मेरे अपने उत्सव बन जाता जीवन का सफर, स्वयं को पाती हूं और भी सक्षम, जब होता है अपने आस पास अपनों के होने का एहसास..... खामोशी जब डराने लगती है और... Hindi · कविता 4 2 273 Share Seema katoch 3 Mar 2020 · 1 min read शब्द हंसते हैं शब्द हंसते हैं... बन जाते हैं हकीम ,मरहम दवा और दुआ दे जाते हैं खुशी उम्र भर की ।। शब्द रोते हैं.... टूटते हैं, बिखरते हैं बन जाते हैं दरारें... Hindi · कविता 4 6 655 Share Seema katoch 3 Mar 2020 · 1 min read शब्द गुम हो जाता है है उम्र का ज़ोर या शायद कुछ और कभी कभी मुंह तक आते आते शब्द गुम हो जाता है... बेबस मन तड़पता है दौड़ता है, भटकता है पर वो ...... Hindi · कविता 6 7 552 Share Seema katoch 2 Mar 2020 · 1 min read बरसात सबकुछ बहा के ले गई इस बार की बरसात और छोड़ गई बदबूदार सीलन.. Hindi · कविता 5 6 298 Share Seema katoch 26 Feb 2020 · 1 min read जख्म जख्म क्या हैं??? वो.. जो जिस्म पर दिखते हैं और कुछ दर्द देते हैं??? वो तो , भर जाते हैैं वक़्त के साथ .... मिट जाते हैं एक अरसे बाद....... Hindi · कविता 3 4 449 Share Seema katoch 14 Feb 2020 · 1 min read बातें तुमसे हज़ारों बातें रोज़ करती हूं.... सुबह और शाम करती हूं सोचसोच कर नहीं, जो मन में आए बिना झिझक हर बार करती हूं... हंसती हूं, हंसाती हूं रोती हूं,... Hindi · कविता 4 6 519 Share Seema katoch 3 Feb 2020 · 1 min read युद्ध कहाँ सब युद्ध लड़े जाते रणक्षेत्र में--- कुछ तो चलते भीतर मन के , अपने से-अपनों से चुपचाप बिना आवाज़.... इतिहास गवाह है, अब तक लड़े गए हर युद्ध में... Hindi · कविता 4 4 521 Share Seema katoch 29 Jan 2020 · 1 min read आहुति क्या लिखूं कैसे लिखू कुछ समझ न आये..... शव्द खो गए से लगते हैं जज़वात सो गए से लगते हैं.... ये कैसा दौर है शोर ही शोर है..... हर ओर... Hindi · कविता 7 4 333 Share Seema katoch 28 Jan 2020 · 1 min read तुम्हारे साथ जब कभी बैठो लिए हाथ में अखबार और चंचल हवा करे तुम्हे रह रह कर परेशान तब तुम समझना मैं वहीं कहीं हूं तुम्हारे आस पास.... मैं तब भी तुम्हारे... Hindi · कविता 6 4 601 Share Seema katoch 25 Jan 2020 · 1 min read ग़म कब्र में लेटा सम्राट आज गमगीन हो गया.... उसका मुलाजिम जो आज उसकी बगल में सो गया ।। Hindi · कविता 6 8 466 Share Seema katoch 10 Jan 2020 · 1 min read अब कैसे कह दूं सांस की हर आहट में तुम मेरी मुस्कुराहट में तुम तनहाई के शोर में तुम तो शोर की खामोशी में भी तुम... अब कैसे कह दूं, की मैं तुम्हारे साथ... Hindi · कविता 4 4 421 Share Seema katoch 23 Dec 2019 · 1 min read मैं तुमको क्या कहूँ मैं तुम्हे क्या कहूँ कभी मन करता है मैं धरती हो जाऊं और तुमको चाँद कहूँ पर वो तो रात में ही निकलता है और मेरा मन हर पल तुम्हे... Hindi · कविता 5 2 314 Share Seema katoch 18 Dec 2019 · 1 min read चाह खुद को भी खो दिया हमने ,तुमसे मिलकर कुछ पाने की चाह में... Hindi · कविता 4 4 466 Share Seema katoch 4 Dec 2019 · 1 min read जाऊं भी तो कहाँ जाऊं भी तो कहाँ???? जाऊं भी तो कहाँ कुछ समझ न आये कभी माँ की कोख में मार डालते.... तो कभी ज़िंदा रखने की कीमत मांगते.... हर वक़्त ताक में... Hindi · कविता 4 4 315 Share Seema katoch 30 Nov 2019 · 1 min read पर शायद मेरी आँखों से आँसू तो छलके थे तुम्हारी उस बात पर कहने के अंदाज़ पर पर शायद ..... तुमने देखा ही नहीं.... इशारों में कही भी थी दिल की बात... Hindi · कविता 4 4 541 Share Seema katoch 11 Nov 2019 · 1 min read जीत हार जीत भी जरूरी हार भी जरूरी जीवन के इस सफर में है हर सामान जरूरी जीत का अगर होगा जश्न तो हार का करना होगा मंथन लगा कर दोनों को... Hindi · कविता 4 4 277 Share Seema katoch 20 Oct 2019 · 1 min read अरमान बहुत है सदियों से कमरे में बंद ,बीमार बहुत है किबाड़ खोल के देखें, अंधकार बहुत है कोने कोने में उग आई है फंफूद धूप लगा कर देखें दुर्गन्ध बहुत है सडी... Hindi · कविता 3 6 254 Share Seema katoch 20 Oct 2019 · 1 min read अन्याय घर के सामने वाली राह पर लगे पाषाण को आज गौर से देखा तो पाया वैसा ही जैसे बचपन में देखा था नज़र दौड़ाई फिर आस पास..... सीना ताने खड़े... Hindi · कविता 3 4 481 Share Seema katoch 17 Oct 2019 · 1 min read सवाल करती हो... तुम उल्टे सीधे सवाल करती हो बस बेहिसाब करती हो जानती हो ये दिल तुम्हारे लिए धड़कता है... तुम्हारी हर अदा पर, एक बार नहीं सौ बार मरता है ........ Hindi · कविता 6 2 257 Share Seema katoch 10 Oct 2019 · 1 min read एक सोच क्या हो अगर अपने तय पथ को छोड़ नदी चल दे पहाड़ की और.. भानु करवध हो क्षमा मांगे रात्रि के अंधकार की.... ये न हुआ कभी और न होगा... Hindi · कविता 8 4 276 Share Seema katoch 4 Oct 2019 · 1 min read बिन वजह बिन वजह कहाँ होता, कुछ भी यहाँ बात भी करते हैं लोग, वजह से यहां ।। मेरा हाल जो तूने, पूछ लिया है आज कल सब पूछेंगे, इसकी भी वजह... Hindi · कविता 7 6 600 Share Seema katoch 4 Oct 2019 · 1 min read ज़रा देखिये वक़्त की साजिश कुछ यूं हुई है, देखिये वो आये, पर बनकर किराएदार देखिये ! बाग की राखी का जिम्मा सौंपा था जिन्हें उजाड़ के उसको जा रहे वही, ज़रा... Hindi · कविता 7 4 483 Share Seema katoch 12 Jun 2019 · 1 min read तुम कुछ बताती नहीं..... तुम कुछ बताती नहीं और मैं कुछ छुपाता नहीं राज़ गहरा इन आँखों का ,मैं पढ़ भी पाता नही ।। कोई शिकवा और शिकायत ,कहाँ करती हो तुम और बिन... Hindi · कविता 7 6 337 Share Seema katoch 12 May 2019 · 1 min read समझ न आये क्या लिखूँ ,कैसे लिखूँ कुछ समझ न आये…. शब्द खो गए से लगते हैं जज़्बात सो गए से लगते हैं ये कैसा दौर है शोर ही शोर है कहीं ढ़ह... Hindi · कविता 4 6 410 Share Seema katoch 11 May 2019 · 1 min read मौन शव्द हो जाते हैं गौण जब मौन बोलता है... बिन कहे ये तो सब राज़ खोलता है.... क्यों हों हर बार शब्दों के मोहताज हम... कभी तो सुने उसे जो... Hindi · कविता 4 4 222 Share Seema katoch 25 Apr 2019 · 1 min read धर्म एक शाश्वत सत्य जैसे ह्रदय स्पंदन रूप अनेक पर एक सार.... कुछ मेरा भिन्न कुछ तुम्हारा अलग मेरा अच्छा और न ही तुम्हारा बेहतर.... आगोश में इसके श्वास पाता जड़... Hindi · कविता 4 4 345 Share Seema katoch 14 Mar 2019 · 1 min read एक मुलाकात दो पल सुस्ताने जीवन पथ की थकान मिटाने, आज खोले मन के किबाड़...... तो हाथ आ गया कोने में दुबका नादान बचपन.... जो जनता था कभी बिना बात के जश्न... Hindi · कविता 6 6 338 Share Seema katoch 21 Feb 2019 · 1 min read हर सफर मजा देता है देश परदेस में घूम कर कहाँ मिलता है सकून, जो घर का बिस्तर सदा देता है बोझ सामान का हो या ख्वाहिशों का भारी हो जाए अगर तो रुला देता... Hindi · कविता 4 6 276 Share Seema katoch 21 Feb 2019 · 1 min read बचपन घर के छोटे छोटे कमरे महल जैसे लगते थे माँ के सादे खाने हमें छप्पन भोग लगते थे दादी का दुलार और नानी की कहानी थी गुड़िया की शादी भी... Hindi · कविता 5 4 542 Share Seema katoch 3 Feb 2019 · 1 min read मेरी अदालत बात बात पर न कर ,सज़ा ए मौत मुक़र्रर कभी तो उम्र कैद से काम चलना चाहिए ........ ये जंग मैं अक्सर लड़ती हूँ खुद ही खुद को कटघरे में... Hindi · कविता 4 4 832 Share Seema katoch 30 Jan 2019 · 1 min read लाचारी अगर यूँ ही होता है तो बताओ,मुझसे सहन क्यों नहीं होता है मेरा हर अश्रु ,क्यों मेरे उर का हर बोझ ढोता है दुनिया के दस्तूर का मुझे वास्ता न... Hindi · कविता 4 6 297 Share Seema katoch 1 Jan 2019 · 1 min read मेरे बिन वो चिंता मे बेचैन हो रहा था दिन में चैन न रात को सो रहा था..... क्या होगा इस जहां का, इस धरती का..... और आसमान, वो तो गिरकर टूट... Hindi · कविता 4 4 505 Share Seema katoch 25 Dec 2018 · 1 min read बरसात हर ओर बादलों का शोर है छाया अंधकार घनघोर है अंबर के बाहुपाश से है छूट रही चपला , सावन भी बरस रहा आज पुरज़ोर है..... घात लगाए बैठा देखो... Hindi · कविता 5 6 406 Share Seema katoch 20 Dec 2018 · 1 min read बाल्टी भर सपने बाहर से दिखे ,साफ सब और करीने से सजा.... भीतर सब छुपाया ,लूट लिया वाहवाही का मजा .... इस कोने में , कोई उस कोने में बस ठूँस दिया ....... Hindi · कविता 4 6 315 Share Seema katoch 5 Dec 2018 · 1 min read मैं अब समझी मैं अब समझी मेरे घर छोड़ते हुए क्यों होती थी बेचैन कभी भीतर जाती बिना काम के , तो कभी कहती गया है तिनका आँख में .... उन लाल आँखो... Hindi · कविता 4 8 415 Share Previous Page 2 Next