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23 Dec 2019 · 1 min read

मैं तुमको क्या कहूँ

मैं तुम्हे क्या कहूँ
कभी मन करता है
मैं धरती हो जाऊं
और तुमको चाँद कहूँ
पर वो तो
रात में ही निकलता है
और मेरा मन
हर पल तुम्हे
देखने को
मचलता है….
मैं तुम्हे क्या कहूँ
कभी मन करता है
मैं नदी हो जाऊं
और तुमको सागर कहूँ
पर वो तो
हर नदी को समेटता है
और मेरा मन
ये देख कर
बहुत जलता है…
मैं तुम्हे क्या कहूँ
कभी मन करता है
मैं रोशनी हो जाऊं
और तुमको दीपक कहूँ
पर वो तो
बाती संग जलता है
ये देख मन
आहें भरता है
मैं तुमको क्या कहूँ….
सीमा कटोच

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 277 Views
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