Comments (6)
12 Jan 2020 09:03 AM
तोड़ दें सारी बंदिशें कुछ आवारगी करके देख लें
शुक्रिया
Seema katoch
Author
13 Jan 2020 10:04 AM
Thanks ji
13 Nov 2019 09:34 AM
बहुत बढ़िया।
Seema katoch
Author
15 Nov 2019 10:58 PM
Thankyou ji
“समझदारी को कुछ देर छुपा लो
बारिश में भीग के देखें, थकान बहुत है”
गजल के आखिरी शेर मे जीवन के आनन्द का तत्व छुपा है
जब जब जीवन में तनाव की प्रमुखता हो फिर से बच्चे बन जाये और उन्मुक्त होकर खिल खिलाएं
जीवन का मूल मन्त्र उत्कृष्ट रचना कर माध्यम से याद कराने हेतू आभार
Thanks ji