Comments (6)
12 Mar 2020 07:54 AM
जीवन के प्रश्न अनंत है जिनका हल खोजते खोजते पूरा जीवन निकल जाता है।
धन्यवाद !
Seema katoch
Author
12 Mar 2020 05:37 PM
Ji fir bhi kuchh प्रश्न हल नहीं होते
जिन्दगी को शिक्षक का रूप देकर इस कविता ने पाठको के साथ अपने छात्र जीवन का चित्र खीचकर एक चिर परिचित सा दृश्य दिया है जिसमेँ वह खो सा जाता
है। इस सुन्दर कविता हेतु अत्यंत साधुवाद।
शिक्षा और शिक्षकों का उददेशय छात्र छात्राओ को जीवन मे पूछे जाने वाले प्रश्न पत्रों के हेतु तैयारी कराना ही है।
इन प्रश्नो का ना तो पाठ्यक्रम होता है और ना पुस्तकें ।
जीवन के कुछ प्रश्न ऐसे होते हैं जिनका उत्तर ना देना ही असली उत्तर होता है।वक्त के साथ वह प्रश्न ही समाप्त हो जाते हैं
ऐसा ही एक प्रश्न जिसका उत्तर देना आवश्यक नहीं है
क्या अपने 12 कक्षा डी ए वी काँगड़ा से 1991 में उत्तीर्ण की है।
A lady colleague of same batch is working with me as executive engineer
Oh,,kya naam hai unka