Seema katoch 102 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Seema katoch 2 Dec 2018 · 1 min read वो नहीं हूँ अब मैं बदल रही हूँ पल पल हर क्षण.... कल कुछ और थी आज हूँ कुछ और , भीतर बाहर कहीं भी अब बैसा कुछ नहीं.... कहीं कमज़ोर तो कहीं प्रखर... Hindi · कविता 5 8 537 Share Seema katoch 2 Dec 2018 · 1 min read ज़िन्दगी दूर तक फैली रेत की चादर सूरज को निगल रहा समंद्र नभ धरा पर छाया लालिमा का पहरा और तुम.... तुम लहर बन कर आओगी मेरा तन मन भिगोने कभी... Hindi · कविता 4 4 307 Share Previous Page 3