Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (4)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
3 Mar 2020 05:06 PM

बहुत सुन्दर

गुथी हुई है हर पंक्ति में
भंगिमा तेरे अंग अंग की,
तेरे कदमों की आहट है
धडकन मेरी हर कविता की

3 Mar 2020 07:12 PM

Wah ,,,thankyou

तुम तो मेरे दिलो जिग़र में यहां तक कि ऱूह में भी पाब़स्ता हो।
कैसे दूर करूं तुम्हें मुझसे तुम तो मेरी जिंदगी का अहम् हिस्सा हो।
श़ुक्रिया !

11 Jan 2020 01:37 PM

Wah… thanks

Loading...