Seema katoch 102 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Seema katoch 5 Mar 2020 · 1 min read तनिक ठहरो पथिक अभी और सज रहा है दुनिया का बाज़ार तनिक ठहरो पथिक थोड़ा तो घूम लो.... हर चौराहा सज रहा मोड़ मोड़ पर है रौनक ज़रा देखो तो सब कुछ यहां... Hindi · कविता 3 6 652 Share Seema katoch 3 Feb 2019 · 1 min read मेरी अदालत बात बात पर न कर ,सज़ा ए मौत मुक़र्रर कभी तो उम्र कैद से काम चलना चाहिए ........ ये जंग मैं अक्सर लड़ती हूँ खुद ही खुद को कटघरे में... Hindi · कविता 4 4 721 Share Seema katoch 6 Jul 2020 · 1 min read चिठ्ठी जाने कहां खो गई वो नीली सी प्यारी सी चिट्ठी.... आज भी आता थैला उठाए डाकिया लेकिन... कभी फोन तो कभी थमाता बिजली का बिल... अब न होती पहले सी... Hindi · कविता 8 8 627 Share Seema katoch 8 Jun 2020 · 1 min read कहां था आसान चलते चलते देखो कहां आ पहुंची मैं, ये लम्बा सफर, और उस पर अनजान डगर... तुम बिन तय करना कहां था आसान....... घूंघट से बाहर निकलना अपने अस्तित्व की खातिर... Hindi · कविता 10 11 625 Share Seema katoch 2 Jul 2020 · 1 min read नया घर सुनो..... बहुत खुश नज़र आ रहे हो नए घर में जो जा रहे हो... पर ये क्या..... ये क्या क्या तुमने बांध लिया कैसा तुमने ये काम किया... वो जो... Hindi · कविता 8 12 626 Share Seema katoch 8 Mar 2020 · 1 min read मुखौटा दिन पर दिन परत दर परत भारी हो रहा मुखौटा असली चेहरा अब थकने लगा/उबने लगा..... कब तक सहना होगा इसका बोझ? सच को झूठ से छुपाना होगा कागज के... Hindi · कविता 3 2 622 Share Seema katoch 2 Jun 2020 · 1 min read बहार देखते हैं कभी पानी तो कभी आग देखते हैं हम तेरी आंखों में एक रेगिस्तान देखते हैं..... भटक न जाएं इस भूल भुलैया में इसलिए बाहर से ही भीतर के तूफान देखते... Hindi · कविता 11 11 564 Share Seema katoch 26 Feb 2021 · 1 min read तुम और मैं हर उतार चढ़ाव में तुम्हारे साथ बहती राह के पत्थरों से भी झगड़ती,,, तेज़ नदी सी मैं तुम्हारे साथ साथ चलती पर तुम,,,,तुम जब पानी से बह निकलते हो कहीं... Hindi · कविता 2 6 591 Share Seema katoch 4 Oct 2019 · 1 min read बिन वजह बिन वजह कहाँ होता, कुछ भी यहाँ बात भी करते हैं लोग, वजह से यहां ।। मेरा हाल जो तूने, पूछ लिया है आज कल सब पूछेंगे, इसकी भी वजह... Hindi · कविता 7 6 552 Share Seema katoch 22 Mar 2020 · 1 min read मृगतृष्णा मरुस्थल में तपते रेत पर, इस छोर से उस छोर कुछ पाने की चाह में, बेतहाशा दौड़ रहे हैं सब दौड़ रहे हैं लेकिन मृगतृष्णा..... ऊंची डाल पर बैठे पंछी... Hindi · कविता 3 7 548 Share Seema katoch 3 Mar 2020 · 1 min read शब्द हंसते हैं शब्द हंसते हैं... बन जाते हैं हकीम ,मरहम दवा और दुआ दे जाते हैं खुशी उम्र भर की ।। शब्द रोते हैं.... टूटते हैं, बिखरते हैं बन जाते हैं दरारें... Hindi · कविता 4 6 581 Share Seema katoch 23 Apr 2020 · 1 min read बेचैन क्यूं हैं ये दुनिया है जनाब, रहिए ज़रा संभलकर रिश्ते भी निभते यहां अपनी सहूलियत देखकर... यूं न खोलिए सबके सामने, अपने दिल की गांठें लोग चल देते हैं तुम्हारा सब सामान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 7 558 Share Seema katoch 18 Jun 2020 · 1 min read तुम और मैं***1 धुली - धुली, खिली - खिली निर्मल सी, पूनम की चांदनी तुम...... अपनी दोनों बाहों को फैलाए, हौले से मुस्कुराकर..... जब मुझे अपने पास बुलाती हो... तो मैं....समुद्र सा खुद... Hindi · कविता 7 6 500 Share Seema katoch 2 Dec 2018 · 1 min read वो नहीं हूँ अब मैं बदल रही हूँ पल पल हर क्षण.... कल कुछ और थी आज हूँ कुछ और , भीतर बाहर कहीं भी अब बैसा कुछ नहीं.... कहीं कमज़ोर तो कहीं प्रखर... Hindi · कविता 5 8 532 Share Seema katoch 3 Apr 2020 · 1 min read क्या लिखूं सब लिख रहे हैं... सोचा मै भी लिखूं, पर समझ नहीं आ रहा क्या और किस पर लिखूं ??? क्या लिखूं उस देश पर ? जिसने पूरे विश्व को डाल... Hindi · कविता 3 4 493 Share Seema katoch 17 Apr 2021 · 1 min read तुम और मैं शाम का दामन थाम के बेकरार दिन चला रात का होने.... खत्म कर अपना वजूद चैन से सोने... Hindi · कविता 3 6 500 Share Seema katoch 21 Feb 2019 · 1 min read बचपन घर के छोटे छोटे कमरे महल जैसे लगते थे माँ के सादे खाने हमें छप्पन भोग लगते थे दादी का दुलार और नानी की कहानी थी गुड़िया की शादी भी... Hindi · कविता 5 4 498 Share Seema katoch 24 Feb 2021 · 1 min read तुम और मैं याद है तुम्हें जब बिना बात के लड़ती थी तुम... घंटों मेरी राह तकती थी तुम... और वो ... चांद तारों की बातें वो भीगी बरसातें... वो सब अनगिनत भीगी... Hindi · कविता 1 2 465 Share Seema katoch 3 Feb 2020 · 1 min read युद्ध कहाँ सब युद्ध लड़े जाते रणक्षेत्र में--- कुछ तो चलते भीतर मन के , अपने से-अपनों से चुपचाप बिना आवाज़.... इतिहास गवाह है, अब तक लड़े गए हर युद्ध में... Hindi · कविता 4 4 484 Share Seema katoch 10 Mar 2020 · 1 min read एक मुलाकात चांद से कल रात मेरी खिडकी पर चाँद आकर ठहर गया बोला _कुछ दिन हुए तुम खुश हो नाच रही थी और आज हो एकदम उदास पूछने का तुमसे क्या कर सकता... Hindi · कविता 3 4 506 Share Seema katoch 31 May 2020 · 1 min read मेरा शहर अजब हो गया मेरे शहर का सिलसिला घर पास पास और दिलों में हो गया फासला हर शख्स है पढ़ा लिखा, न कोई अनपढ़ रहा बाग हो जैसे कोई सुगंध... Hindi · लघु कथा 5 5 468 Share Seema katoch 11 Mar 2020 · 1 min read प्रश्नपत्र जिंदगी तेरी ये मनमानी कुछ समझ न आये हर मोड़ पर क्यों तू एक प्रश्नपत्र थमा जाए.... कभी कभी तो तुम लागती हो शिक्षिका मुझे मेरे स्कूल कॉलेज की घूमती... Hindi · कविता 4 6 486 Share Seema katoch 28 Jan 2020 · 1 min read तुम्हारे साथ जब कभी बैठो लिए हाथ में अखबार और चंचल हवा करे तुम्हे रह रह कर परेशान तब तुम समझना मैं वहीं कहीं हूं तुम्हारे आस पास.... मैं तब भी तुम्हारे... Hindi · कविता 6 4 516 Share Seema katoch 28 May 2020 · 1 min read एक नई सड़क सदियों से चल रहे अब उखड़ने लगी, उड़ उड़ कर धूल आंखों में जाने लगी, मुंह पर गिरने लगी.... भाग रहे हैं सब और चलने के लिए वही सुस्त नियम,... Hindi · कविता 8 4 462 Share Seema katoch 1 Jan 2019 · 1 min read मेरे बिन वो चिंता मे बेचैन हो रहा था दिन में चैन न रात को सो रहा था..... क्या होगा इस जहां का, इस धरती का..... और आसमान, वो तो गिरकर टूट... Hindi · कविता 4 4 459 Share Seema katoch 25 Jan 2020 · 1 min read ग़म कब्र में लेटा सम्राट आज गमगीन हो गया.... उसका मुलाजिम जो आज उसकी बगल में सो गया ।। Hindi · कविता 6 8 446 Share Seema katoch 19 Jun 2020 · 1 min read तुम और मैं****2 इस कोने से उस कोने तक मेरे वजूद पर छाए तुम, आकाश सदृश.... और मैं .... मैं धरा सी तुमको तकती दूर से... देखती वहां दूर क्षितिज पर अपना मिलन...... Hindi · कविता 9 6 499 Share Seema katoch 21 Jun 2020 · 1 min read तुम और मैं****3 चंचल यौवना चाहती थिरकना मन की करना खुल कर बरसना..... बरसात सी ....तुम और मैं,,,, मैं मेघ सा चाहता तुमको जकड़ना, कैद करना बस अपनी पकड़ में रखना..... लेकिन... आखिर... Hindi · कविता 10 7 484 Share Seema katoch 27 May 2020 · 1 min read कर्ज़ देख कर अपनी धन की पोटली आज, हुआ कुछ गुमान.... बैठ गई अकड़ के करने सबका हिसाब पर.... पर कैसे चुकाऊं ?? उन सांसों का ऋण जो ले रही हूं... Hindi · कविता 3 4 449 Share Seema katoch 19 Sep 2020 · 1 min read तुम और मैं***4 नहीं रखते हो इत्तफाक अगर तो कोई मशबरा भी दीजिए बैठे बैठे बस यूं ही तुम बातें न बनाया कीजिए.... बहुत आसान होता है बस यूं मुंह हिला देना बात... Hindi · कविता 5 4 503 Share Seema katoch 30 Nov 2019 · 1 min read पर शायद मेरी आँखों से आँसू तो छलके थे तुम्हारी उस बात पर कहने के अंदाज़ पर पर शायद ..... तुमने देखा ही नहीं.... इशारों में कही भी थी दिल की बात... Hindi · कविता 4 4 467 Share Seema katoch 18 Dec 2019 · 1 min read चाह खुद को भी खो दिया हमने ,तुमसे मिलकर कुछ पाने की चाह में... Hindi · कविता 4 4 442 Share Seema katoch 3 Mar 2020 · 1 min read शब्द गुम हो जाता है है उम्र का ज़ोर या शायद कुछ और कभी कभी मुंह तक आते आते शब्द गुम हो जाता है... बेबस मन तड़पता है दौड़ता है, भटकता है पर वो ...... Hindi · कविता 6 7 457 Share Seema katoch 14 Feb 2020 · 1 min read बातें तुमसे हज़ारों बातें रोज़ करती हूं.... सुबह और शाम करती हूं सोचसोच कर नहीं, जो मन में आए बिना झिझक हर बार करती हूं... हंसती हूं, हंसाती हूं रोती हूं,... Hindi · कविता 4 6 459 Share Seema katoch 22 Mar 2020 · 1 min read ओस सा मोह दिन के पीछे दवे पांव आती सांझ जब रात का राज्याभिषेक करती है... तब...तब सब कुछ सहम जाता है... अपने पद के मद में चूर, अंधेरा भय और आतंक का... Hindi · कविता 3 4 407 Share Seema katoch 12 Jun 2020 · 1 min read अब भी है*** एक नए सितम का इंतज़ार अब भी है जिस्म में देख मेरे, जान अब भी है दफना दिया यूं तो तमाम यादों को तेरी पर रूह पर, जख्म का निशान... Hindi · कविता 8 8 411 Share Seema katoch 26 May 2020 · 1 min read वक्त घड़ी की घूमती सुइयां हैं सिर्फ आभास... सूरज का आना और छुप जाना रात की गोद में.... है कहां ये वक्त ! ये क्रम तो जारी सृष्टि के उदगम से...... Hindi · कविता 6 4 397 Share Seema katoch 26 Feb 2020 · 1 min read जख्म जख्म क्या हैं??? वो.. जो जिस्म पर दिखते हैं और कुछ दर्द देते हैं??? वो तो , भर जाते हैैं वक़्त के साथ .... मिट जाते हैं एक अरसे बाद....... Hindi · कविता 3 4 421 Share Seema katoch 7 Mar 2020 · 1 min read कशमकश शब्दों के पंछी चहचहाते शोर मचाते कहाँ कहाँ से मन के आंगन में उड़ उड़ कर आते.... दौड़ दौड़ कर उनके पीछे भागूँ पकड़ कर उनको कैद करना चाहूँ... पर... Hindi · कविता 4 6 467 Share Seema katoch 14 Jun 2020 · 1 min read और कितना*** बाहर खड़े हो, जो शोर मचाए इतना भीतर आए तो जाने, है गहरा कितना... भूख और प्यास से, परेशां है जो सुने वो और झूठा अफसाना कितना... छत तक नहीं... Hindi · कविता 8 4 406 Share Seema katoch 4 Oct 2019 · 1 min read ज़रा देखिये वक़्त की साजिश कुछ यूं हुई है, देखिये वो आये, पर बनकर किराएदार देखिये ! बाग की राखी का जिम्मा सौंपा था जिन्हें उजाड़ के उसको जा रहे वही, ज़रा... Hindi · कविता 7 4 420 Share Seema katoch 10 Jan 2020 · 1 min read अब कैसे कह दूं सांस की हर आहट में तुम मेरी मुस्कुराहट में तुम तनहाई के शोर में तुम तो शोर की खामोशी में भी तुम... अब कैसे कह दूं, की मैं तुम्हारे साथ... Hindi · कविता 4 4 396 Share Seema katoch 20 Oct 2019 · 1 min read अन्याय घर के सामने वाली राह पर लगे पाषाण को आज गौर से देखा तो पाया वैसा ही जैसे बचपन में देखा था नज़र दौड़ाई फिर आस पास..... सीना ताने खड़े... Hindi · कविता 3 4 423 Share Seema katoch 28 Nov 2020 · 1 min read लकीर रख लूं... दुनिया से छुपाकर तेरी तस्वीर रख़ लूं हो इजाजत तो ये जागीर रख लूं इश्क़ का ही परचम है हर ओर सोचती हूं नाम अपना हीर रख लूं तेज धार... Hindi · कविता 6 10 390 Share Seema katoch 25 Dec 2018 · 1 min read बरसात हर ओर बादलों का शोर है छाया अंधकार घनघोर है अंबर के बाहुपाश से है छूट रही चपला , सावन भी बरस रहा आज पुरज़ोर है..... घात लगाए बैठा देखो... Hindi · कविता 5 6 384 Share Seema katoch 5 Dec 2018 · 1 min read मैं अब समझी मैं अब समझी मेरे घर छोड़ते हुए क्यों होती थी बेचैन कभी भीतर जाती बिना काम के , तो कभी कहती गया है तिनका आँख में .... उन लाल आँखो... Hindi · कविता 4 8 386 Share Seema katoch 30 May 2020 · 1 min read खुद पर एतबार रखिए चेहरे बदल घूमते हैं यहां लोग देखिए अपना मुखौटा भी आप साथ रखिए... दुश्मनों की तो जाहिर होती है जलन अपने दोस्तों पर एक निगाह रखिए... बढ़ा चढ़ा कर कहने... Hindi · कविता 7 8 388 Share Seema katoch 1 Jul 2020 · 1 min read मन की तहें*** मन की तहें उधेड़ फिर से सिलना चाहूं न जाने क्या क्या मैं लिखना चाहूं.... पर वो कहां लिख पाती हूं जो मैं लिखना चाहूं... अज्ञात भय के आवरण के... Hindi · कविता 8 7 384 Share Seema katoch 15 Jun 2020 · 1 min read हार जाया नहीं करते**** ज़िन्दगी के मसलों से हार जाया नहीं करते यूं खुद ही अपने कातिल कहलाया नहीं करते.... सब बुरे हैं माना, कोई तो अच्छा भी होगा यूं सबसे मुंह मोड़ के... Hindi · कविता 6 4 408 Share Seema katoch 15 Aug 2020 · 1 min read आंसू जो रिसा दिल से धीमा धीमा कहां वो दिखा सीमा को तोड़ता दवा हुआ तूफान क्यों वो जो आंख से सूख गया तो भारी हुआ कैसी मनमानी बुझे जो वो... Hindi · कविता 9 4 387 Share Page 1 Next