Comments (7)
6 Jun 2020 09:13 PM
Nice
Seema katoch
Author
6 Jun 2020 09:52 PM
Thankyou ji
24 Apr 2020 02:10 PM
बहुत नफासत से आज की परिस्थितियों को शब्दो के पैमाने मे डाला है।इनको लयबद्ध कर सुरो में बांधा जाये तो क्या अभिनव प्रस्तुति होगी।इसकी प्रतीक्षा रहेगी।
अर्से बाद जब आज के दौर पर चर्चे होगें ।
कुछ कविताएँ,कुछ किस्से भी मशहूर होगे।।
इस संग्रह की रचनाओ का भी जिक्र होगा।
यूँ लिखते रहिये, वक्त आने पर गरूर होगा।।
एक तुकबंदी करने की धृष्टता की है ।
सादर अभिनंदन
Seema katoch
Author
30 Apr 2020 05:41 PM
आप यूं ही धृष्टता जारी रखें,,,बहुत बहुत धन्यवाद
24 Apr 2020 05:50 AM
ये ज़रूरी नहीं के हर शख्स़ मसीहा ही हो।
प्यार के जख्म़ अम़ानत है दिखाया ना करो।
श़ुक्रिया !
Seema katoch
Author
30 Apr 2020 05:42 PM
बहुत बढ़िया,,, शुक्रिया ji
वाह वाह वाह