Dr.Pratibha Prakash Tag: कविता 89 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr.Pratibha Prakash 13 Jun 2023 · 1 min read नग्नता को रोकना होगा नग्नता को रोकना होगा.......... यदि संस्कृति बचाना चाहते हो यदि भारतीयता बचाना चाहते हो तो नग्नता को रोकना होगा.......... आध्यात्म को समझना होगा समाज में सौहार्द चाहते हो परिवार में... Poetry Writing Challenge · कविता 24 5 814 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read ये कौन है?..............पहचान नींद में था तभी सुनी मैंने आवाज वही जो यदा कदा पहले भी आई क्या .....मैं हूँ वही एकमात्र सत्य है जो मानव ने मुझे समझा नहीं रचयिता उसका हूँ... Poetry Writing Challenge · कविता 23 22 499 Share Dr.Pratibha Prakash 8 Jul 2023 · 1 min read फितरत अजीब इल्म की रिवायतें बदली इन्सान की फितरत बदल गई न पूजा न इवादत न कोई रिश्ता बचा सजदा भी अब सौदे की बात बन गई न खौफ खुदा का... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 22 13 907 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read वन्दे मातरम गूँजे कण कण भारत भू का वन्दे मातरम महक उठे वन उपवन मिलके वन्देमातरम शस्य श्यामला भू हरियाली परम्परा समृद्धिशाली राष्ट्र प्रेम की गाथा गाते हर मधुवन की हरेक डाली... Poetry Writing Challenge · कविता 22 9 436 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read प्यास रिक्त मेरा अन्तस अति क्यों न जाने कैसी प्यास है भरी दशों दिशाएं लेकिन मन अतिरिक्त उदास है गहराए क्यों अकेलापन जब तेरा एहसास है चुभन बड़ी अंतर्मन मेरे विरह... Poetry Writing Challenge · कविता 21 8 150 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read मिथक lL........ मिथक जगत के स्वार्थ मिथक मत सोच तुझे जाना है किधर लक्ष्य है क्या तेरा जन्म है क्या जीवन का तेरे उद्देश्य है क्या कर्म है क्या करना है... Poetry Writing Challenge · कविता 20 6 272 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read स्वप्न या सत्य आज मुझे मालूम हुआ तेरी की लगन की मगन में वो कैसे फ़ना हो गए प्यार का अर्थ और गहराई में अंत तक वो खो गए काश वहां तक जाकर... Poetry Writing Challenge · कविता 20 6 517 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read कठोर सत्य सत्य को परखती दृष्टि अविरल अविचल कठोर सत्य का अनुभव नियत कर्म आत्मिक द्वन्द विश्वास की परीक्षा स्वार्थ की पूर्ति आस्था की पराकाष्ठा मानव की श्रेष्ठता रिश्तों की लोलुपता झुठ्ठा... Poetry Writing Challenge · कविता 20 3 135 Share Dr.Pratibha Prakash 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियां ? जीवन को जीवन बनाती बेटियां बेटो का जीवन सजाती है बेटियां इस सृष्टि को सतत बनाती बेटियां फिर क्यों कोख में मारी जाती बेटियां घर को वास्तव घर बनाती बेटियां... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 18 1 1k Share Dr.Pratibha Prakash 11 Jun 2023 · 2 min read छाती Dashboard Notifications Settings Post published! माँ की ममता से पूरित छाती प्रसव पीड़ के बाद छाती शिशु को स्तन पान करवाती ईश्वर की अनुपम दें है छाती संसार स्वप्न को... Poetry Writing Challenge · कविता 18 4 605 Share Dr.Pratibha Prakash 13 Jun 2023 · 2 min read गौरैया आज सुबह प्रार्थना के बाद जब विश्राम के लिये चली तो पंखुरी की चीं ची ने मुझे आवाज़ दी आँख में आँसू थे मैंने पूछा क्या हुआ ? जो उसने... Poetry Writing Challenge · कविता 17 6 244 Share Dr.Pratibha Prakash 12 Jun 2023 · 1 min read मेरे पिता मेरे पिता नील गगन से विशाल, हिमालय जैसा भाल सुमेरु कन्धे साधे वसुधा के जीवन की ताल मेरे पिता.... संवेदनाओं को कहां कह पाते गिरा पलक को अश्रु छिपाते मेरे... Poetry Writing Challenge · कविता 17 3 356 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read प्रतीक्षा निराश सी कुछ उदास सी बैठी हूँ मैं तुम्हारी राह में हताश सी बैठी हूँ मैं अकेली अजनबी अनजान यहाँ खोजती हूँ बस तुम्हें यहाँ से वहाँ तुमसे मिलन की... Poetry Writing Challenge · कविता 16 3 374 Share Dr.Pratibha Prakash 20 Aug 2016 · 1 min read साक्षी और संधू हमे आप पर गर्व है साक्षी संधू हमें तुम पर गर्व है छोटे छोटे गांव से,छोटे छोटे राज्य से नारी को पुकारती,जय हो भारत माँ भारती जयति जय माँ भारती जय हो भारत भारती शक्ति... Hindi · कविता 16 1 486 Share Dr.Pratibha Prakash 21 Mar 2017 · 2 min read निरीह गौरया आज सुबह प्रार्थना के बाद जब विश्राम के लिये चली तो पंखुरी की चीं ची ने मुझे आवाज़ दी आँख में आँसू थे मैंने पूछा क्या हुआ ? जो उसने... Hindi · कविता 16 366 Share Dr.Pratibha Prakash 22 Mar 2017 · 1 min read जल जलदिवस आयोजन प्रथम प्रयास जल ईश्वर ने जब दृष्टि रची तो पंच तत्व विस्तार किया पृथ्वी के तिहाई हिस्से पर जल जीवन आधार दिया करें यदि इतिहास अवलोकन जल ने... Hindi · कविता 16 511 Share Dr.Pratibha Prakash 21 Dec 2016 · 1 min read खिड़की भोर भई खिड़की मैं खोली बड़ी उदास हो मुझसे बोली पीढ़ कहूँ मैं सुनो सहेली बड़े हौले से खिड़की बोली......... कभी हृदय के पट को खोलो सत्य पुंज को कभी... Hindi · कविता 15 319 Share Dr.Pratibha Prakash 6 Aug 2023 · 1 min read चेतावनी हिमालय की वर्षों से पुकार लगा रहा हूं वेदना सबको बता रहा हूं लेकिन मानव तू वधिर हो गया अश्रु निरंतर मैं वहा रहा हूं।। तब जाकर प्रतिकार किया मैं हिमालय बतला... Hindi · कविता 15 2 382 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Aug 2016 · 1 min read आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएंआओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं लालकिला पर तिरंगा फहराएं मातृ भूमि पर हो गए शहीद जो वीर सपूतों की गाथा को गायें झाँसी की रानी वो मस्तानी मंगल... Hindi · कविता 15 10 474 Share Dr.Pratibha Prakash 9 Aug 2016 · 1 min read जय जवान जय किसान राष्ट्र कहे सुन ओ जवान जय जवान जय किसान हैं हिम से शीतल सूर्य समान मातृभूमि के तुम अभिमान कर्मठता 'बा'और 'भावे' की तुमसे अर्थ 'लाला' बलिदान तिलक, सुभाष,आज़ाद की... Hindi · कविता 15 2 694 Share Dr.Pratibha Prakash 9 Aug 2016 · 1 min read याद करो कुर्बानी [8/8, 6:09 PM] Dr Pratibha: आओ याद करें क़ुरबानी खोये हमने जो बलिदानी स्वप्न संजोया अखण्ड भारत ऐसे महापुरुष त्यागी ज्ञानी लड़े स्वतंत्रता की खातिर चढ़े शूली गए काला पानी... Hindi · कविता 14 3 734 Share Dr.Pratibha Prakash 9 Aug 2023 · 1 min read आधुनिक हो गये हैं हम आधुनिक हो गये हैं हम अपनों को भूल गये हैं हम संस्कार की भाषा, प्यार की परिभाषा अपना इतिहास, भूगोल भूल गये हैं हम अपना गाँव नीम और पीपल की... Poetry Writing Challenge · कविता 14 4 274 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read तुम सत्य हो तुम सत्य हो तुम नित्य हो, शाश्वत तुम ही शिव अर्थ हो तुमसे ही मेरे अर्थ सारे, बिन तेरे सबकुछ व्यर्थ हो तुम सत्य हो तुम नित्य हो,शाश्वत तुम ही... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीतिका 13 1 593 Share Dr.Pratibha Prakash 2 Aug 2016 · 1 min read वो वैश्या मैंने एक वैश्या को देवी से ऊपर देखा एक पण्डित को उसके कदमो में गिरते देखा समझ न आया फिर भी लेकिन दृश्य ये देखा मैंने एक वैश्या को ............... Hindi · कविता 13 2 647 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Apr 2024 · 1 min read संवेदनायें संवेदना किसी भी वेदना का कारण होती हैं ये संवेदनाएं ही हैं जो निवारण भी करती हैं संवेदनाओं की अपनी होती एक निजी भाषा बिना शब्दों के आँखों में परिभाषा... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 11 207 Share Dr.Pratibha Prakash 1 Aug 2016 · 1 min read घुटती सिसकियां ------ घुटती रहेंगी आखिर कब तक सिसकियाँ दरवाजो में लुटती रहेगी कब तक नारी वासना के गलियारों में भ्रूण हत्या दहेज हत्या ग्लैमर के नंगे चौबारे में राजधानी की डीलक्स... Hindi · कविता 12 3 674 Share Dr.Pratibha Prakash 4 Aug 2016 · 1 min read खंजन एक सुबह एक सुबह देखी मैंने खंजन तरुवर साख पे वो बैठी थी नैन बसी कोई अभिलाषा वो हृदय आस लिए बैठी थी| आते जाते हर पंक्षी को वो विरल... Hindi · कविता 12 2 505 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jul 2016 · 1 min read पतन हमारा आध्यात्म कमजोर हुआ हमारी संस्कृति अपंग होने लगी फिर सभ्यता खोने लगी नारी तब रोने लगी। पतन फिर होने लगा मार्ग पथभ्रष्ट हो गया इंसान जब बिकने लगा बेमौत... Hindi · कविता 11 558 Share Dr.Pratibha Prakash 21 Apr 2024 · 1 min read संवेदनाएं संवेदनाये जगती हैं तो भावनाएं बन जाती हैं संवेदनाएं मरती हैं तो दुर्घटनाएं हो जाती है || संवेदनाओं में पिरोकर ही होता ईश का वंदन सवेनाओं में ही जागता है... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 12 253 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read एक नया अध्याय लिखूं एक नया अध्याय लिखूं ,तेरा तुझसा पर्याय लिखूं। मिलन विरह से ऊपर उठ, मुक्त छंद दो चार लिखूं ।। स्तुतियों में जिसका वर्णन है, श्लोकों में जिसका वंदन है ।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 11 4 465 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read अध्यात्म का अभिसार आदि अनादि अनन्त वो, महाकाल और प्रचंड है बहुरूपणी सर्वरूपणी, अगोचर अगम अखण्ड है देव-दैत्य. गंधर्व-यक्ष, भगवानों का भगवान है नाम रूप मुक्त वो,नहीं रिक्त कोई स्थान है।। सत्य का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 11 1 291 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read तुझमें : मैं लोक में त्रिलोक में, मैं ही धरा आलोक में प्रसन्नता पर्याय मैं ही, मैं ही कारण शोक में पूजा दया और दान में, मैं करुणा के सार में समस्त विकारों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 11 1 285 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 2 min read अध्यात्म का शंखनाद ज्ञान ज्ञान ज्ञान बोल कर मांगते सम्मान हैं ज्ञान हैं जहां नहीं कह रहे पहचान है | साम दाम दण्ड से, छल हेर फेर फंद से वीर-पीर कह रहे, हम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 11 2 196 Share Dr.Pratibha Prakash 28 Jul 2016 · 1 min read मानव मन मैली चादर मानव का मन चातुर्य कला में निपुण है आदम ज्ञान की बातें गीता दर्शन कर्म का चन्दन पर औरों का मन संस्कार की पोथी पण्डित जीवन वाणी मिथ्या... Hindi · कविता 11 3 571 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 2 min read हे मनुज श्रेष्ठ मैं सूक्ष्म अति मैं ही विराट मुझसे ही विशाल हिम ललाट । मुझमें सारा सकल सृजन, सुशोभित मुझसे ये धरा गगन । मैं ही जल अग्नि व्योम समीर , मैं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 11 3 438 Share Dr.Pratibha Prakash 1 Aug 2016 · 1 min read वही आवाज़ SUPRABHAT मित्रों आज फिर से उसने आवाज लगाईं जो मुझे सुनाई मीरा सूर काली औ कबीरा सूफी सांत औ गाये फकीरा तू मेरा है मैं हूँ तेरा रहता कहाँ धर्म... Hindi · कविता 11 3 509 Share Dr.Pratibha Prakash 31 Jul 2016 · 1 min read संगीत दिवस सारा दिन हुई योग की चर्चा आओ अब गीत शारदे गा लें संगीत की बज उठे तरंगे उमंगो में सरगम सजा लें गीतिका वरखा सुनाए साज़ बूंदों का बजा लें... Hindi · कविता 11 508 Share Dr.Pratibha Prakash 31 Jul 2016 · 1 min read झुलस धरती के झुलसते आँचल को अम्बर ने आज भिगोया है झूम उठे वायु संग तरुवर बूंदों में शीत पिरोया है ये महज़ एक झांकी है सोचो हमने क्या खोया है... Hindi · कविता 11 543 Share Dr.Pratibha Prakash 31 Jul 2016 · 1 min read प्रेम जीवन अधूरा प्रेम बिना भक्ति अधूरी प्रेम बिना है समर्पण अधुरा ही प्रेम बिना है हर भाव अधुरा प्रेम बिना ज्ञान अधुरा अध्यात्म अधुरा इस सृष्टि का सृजन अधुरा सबकुछ... Hindi · कविता 11 1 784 Share Dr.Pratibha Prakash 31 Jul 2016 · 1 min read अफ़सोस अफ़सोस जताने ये मन निकला क्यों ज्ञान में खोखलापन निकला हम करते रहे श्रेष्ठ सिद्ध स्वयं को मन से न अहम का घुन निकला परिवार बिना माने अबला ये कैसा... Hindi · कविता 11 2 362 Share Dr.Pratibha Prakash 31 Jul 2016 · 1 min read मिथक कल्पना में मत उलझ है मिथक सारा जगत सत्य से रु-ब-रु हो जन्म से आरम्भ जो हो इससे परे मैं हूँ सदा अदृश्य जो सदृश्य भी हो तू बना क्यों... Hindi · कविता 11 516 Share Dr.Pratibha Prakash 31 Jul 2016 · 1 min read साथ जिनके साथ चले हम घर से वे तो दूर बड़े रे निकले सोचा चोट अब स्वस्थ हो गई देखा घाव घनेरे निकले जिनको समझ रौशन सूरज वो घोर अँधेरे निकले... Hindi · कविता 11 459 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jul 2016 · 1 min read भक्ति भाव कुछ भी कर सकते हो तुम सर्वश्रेष्ठ सर्व समर्थ हो तुम शब्दों के मोती बन जाते भक्ति भाव जग देते तुम अदृश्य रहो कण कण में दिखते जिसको लग्न अपनी... Hindi · कविता 11 2 491 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 1 min read बाल नृत्य नाटिका : कृष्ण और राधा दृश्य बाल कृष्ण अपने सखाओं के संग और राधिका मार्ग में गोपियों के संग छम-छम, छम-छम बाजे पायल,राधा के संग आये श्यामल पीछे सारे गोपी गण हैं , बने प्रतीक्षित... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · नाटक · बाल कविता 10 4 347 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 1 min read ह्रदय के आंगन में मेरे हृदय के इस आँगन में, रहता था बस सूनापन देकर अपनी मीठी छुअन, जगा दिया तुमने स्पंदन क्यों किया तुमने ऐसा, चुभा दिया कांटा हो जैसा क्यों जानी मेरी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 10 4 339 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 1 min read प्राप्ति मिला है वो जिसकी थी तलाश सदियों से या कई जन्मों से वो वोधि ज्ञान या कैवल्य तत्व ज्ञान या अध्यात्म पा लिया मैंने सर सृष्टि का पा लिया एहसास... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 10 2 170 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Jan 2024 · 1 min read हे नाथ कहो हे नाथ कहो ………….. कोई शब्द जो मेरे मन में आता; क्या तुमसे मिलकर आता है ? जो भाव उठा मेरे उर में, क्या तुम तक स्वामी जाता है ?... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 10 141 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read इक तेरे सिवा तुमसे हटकर सोचूं भी क्या, इक तेरे सिवा जगत रखा क्या पंचतत्व में तुम ही समाये , तुमसे सुन्दर जगत में और क्या ......... ये तारे, नज़ारे सब तुम्हारे इशारे,सागर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीतिका 10 2 166 Share Dr.Pratibha Prakash 19 Jan 2024 · 1 min read पुनर्जागरण काल ये पावन पुनीत अमृत वेला है जो पी रहा रस हो अलवेला है हर तरफ एक ही गूंज गूंज रही जय जय हो बस यही धूम रही महक रहा अध्यात्म... Hindi · कविता 10 105 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read बुला लो जन्म जन्म की मैं हूँ प्यासी सदा रहूँ दर्शन अभिलाषी अपने स्नेह से किया सवेरा जैसे मिटा हो जन्मों का फेरा मन मन्दिर में किरण जगाई जीवन जीने की आस... Hindi · कविता 10 138 Share Page 1 Next