कठोर सत्य
सत्य को परखती दृष्टि
अविरल अविचल
कठोर सत्य का अनुभव
नियत कर्म आत्मिक द्वन्द
विश्वास की परीक्षा
स्वार्थ की पूर्ति
आस्था की पराकाष्ठा
मानव की श्रेष्ठता
रिश्तों की लोलुपता
झुठ्ठा समस्त मकड़ जाल
हृदय की कटु पीड़ा
अन्तर्मन को करे व्यथित
वाक्य वाण उर भिदित
प्रार्थना वन्दना अर्चना
क्षितिज तक भेदे अर्थ
परिभाषा भाव की
मन का कीचड़
श्रेष्ठ माप परमार्थ लुप्त
अपूर्ण क्रमशः ————-