Arun Prasad Tag: कविता 342 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read उड़ें चलो -------------------------------- चलो उड़ें नभ में। नभ के गौरव में। उस गौरव का रसपान करें। सूर्य,चंद्र,तारों को छूकर अपना आ सम्मान करें। व्योम ब्याह कर ले आएंगे। स्याह अन्तरिक्ष का धो... Hindi · कविता 236 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read ईश्वर बनने की त्रुटि का प्रतिफल-‘कोरोना’? --------------------------------------------------- प्रकृति प्रसूता है,सब कुछ जनती है। अमृत, और व्याधि भी,जब तनती है। मानवी नहीं है जो बलात्कार सहेगी। वह,युग की त्रुटियों को अभिशप्त करेगी। भीम और अर्जुन की ऊर्जा... Hindi · कविता 1 181 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read उड़ें चलो -------------------------------- चलो उड़ें नभ में। नभ के गौरव में। उस गौरव का रसपान करें। सूर्य,चंद्र,तारों को छूकर अपना आ सम्मान करें। व्योम ब्याह कर ले आएंगे। स्याह अन्तरिक्ष का धो... Hindi · कविता 344 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read मेरा हर द्वार भर गया ----------------------------- तुम आ गए! मुझे मेरी स्वीकृति मिल गयी। मेरा हर द्वार भर गया। अब मैं माँगूंगी नहीं, दूँगी। मांगो मेरे प्रियतम! मन दूँ या तन! शांत है, नीरव नहीं,... Hindi · कविता 130 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 2 min read लो, देती हूँ मैं पायल का सारा धातु --------------------------------------------- लो, देती हूँ मैं पायल का सारा धातु पिघलाओ और गढ़ो प्रक्षेपास्त्र। लो देती हूँ मैं सारा स्वर्ण पिघलाओ और गढ़ो अपना कवच। मैं ये सारे घने केश उतार... Hindi · कविता 187 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read वह छोटी बच्ची ------------------------------- वह रो रही थी। अभ्यस्त रुदन। वह हँस रही थी। स्वच्छ हंसी। दु:ख कोई नहीं था। अनुभूति भी नहीं। सुख था और रोने का हौसला। रोना जीत की खुशी... Hindi · कविता 198 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 2 min read विरोध का दंगात्मक चरित्र ---------------------------------------------------------------------------------- राजनैतिक विरोध का चरित्र दंगात्मक हो तो, प्रजातांत्रिक अनुशासन का है स्खलन। नेताओं का ही नहीं आदमी का भी है निम्न दर्जे का मानसिक पतन। विरोध का राजनैतिक स्वरूप... Hindi · कविता 146 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read शब्द बिकते नहीं -------------------------------------- शब्द बिकते नहीं इसलिए दुखित हो क्या! शब्द झुकते नहीं इसलिए व्यथित हो या? डरते नहीं तुम्हारे शब्द हैं सो डरे हो क्या? झरने सा झरते तुम्हारे शब्द, करे... Hindi · कविता 153 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read शिव तेरा अभिनंदन ------------------------------------------------------- तेरी गूँथी जटाओं का अभिनंदन। जिसमें हिमनद है खोई, बहती गंगा की धारा जिसमें, उन्हीं जटाओं का करता अभिवादन। हे शिव तेरा अभिनंदन। लिपटी हुई भुजंगों जैसी सिमटी हुई... Hindi · कविता 1 1 398 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read सौंदर्यात्मक स्तुति प्रेयसी की ---------------------------------- खिले प्रभात सा रंग तुम्हारा तन जैसे हो भीगा सावन। तरुणाई की अरुणिम आभा शीतल-शीतल,पावन-पावन। संगमरमर ही ज्यों तराशकर अंग तुम्हारा गढ़ गया सुन्दर। लालिमा की आभा जैसे करती... Hindi · कविता 125 Share Arun Prasad 25 Oct 2021 · 1 min read हम और तुम ----------अरुण कुमार प्रसाद ------------------------------------------------------- मिट्टी खोदकर तुमने कंद,मूल,जड़ी-बूटी निकाले। मिट्टी खोदकर हमने निकाला स्वर्ण। तुम इतना ही क्यों कर पाये? मंदिरों में लेटकर साष्टांग, तुमने प्रार्थनाएँ की। मंदिरों में लिटाकर... Hindi · कविता 169 Share Arun Prasad 25 Oct 2021 · 1 min read हाइकु--असहज ----------------------- प्रश्न से दूर। असहज हाइकु। मनुष्य भी है। चाँदनी ही क्यों? असहज हाइकु। तपता मन! सबके लिए। असहज हाइकु। खोलो बदन। है रेगिस्तान। फैलता,सिकुड़ता। नि:शब्द दर्द। कितना दु:ख! असहज... Hindi · कविता 317 Share Arun Prasad 25 Oct 2021 · 1 min read हाइकू — रास्ते ----------------------------- बिछे हैं रास्ते। नुंचे-चुंथे रूआँसा। गाड़ी के नीचे। मेरा सफर। राजपथों से चौड़े। गड्ढों से भरे। कहने में हूँ। चिकनी-चुपड़ी सी। सड़कों जैसी। कोसता चले। पथ और पथिक। पटके... Hindi · कविता 173 Share Arun Prasad 25 Oct 2021 · 5 min read हिस्टीरिया माँ मैं तुम्हारी बेटी आज तुमसे रूठकर खो जाऊँगी। माँ गंगा के पवित्र गोद में सिर रखकर सो जाऊँगी। तुमने वो दुल्हा वाला खिलौना नहीं दिया न इसलिए। तुमने राजकुमार... Hindi · कविता 150 Share Arun Prasad 25 Oct 2021 · 1 min read है वही दिन,रात का रोना ------------------------------------------ है वही दिन,रात का रोना। वही दरके हुए गाने, वही रूठा जमाना। दोस्तों की दुश्मनी का बस वही दस्तक। परिस्थितियों के सामने मेरा झुका मस्तक। आस्था से भरे फूल-मालाओं... Hindi · कविता 139 Share Arun Prasad 25 Oct 2021 · 1 min read होली--होली वही जो कि खेलै कन्हैया ---------------------------------------------------------------------- होली वही जो कि खेलै कन्हैया वृंदावन की गलियों में, प्रभु। अरु लाल गुलाल वही जो पलाश ने दी अलियों को मान प्रभु। अरे गीत वही जो कि गाये... Hindi · कविता 159 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read कर्ज किसका था मैं ---------------------------------------------- सारा दिन प्राणपन से रहा खोदता। सारा दिन खेत सूखा रहा भोगता। पसीने से नमक चूसता प्यास पीता रहा। सारा समय देह कंकाल भी जीता रहा। राहतों की नुमाइश... Hindi · कविता 158 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read सांझ का शृंगार -------------------- रोज मचलती है साँझ करने शृंगार। रोज खाती है मुंह की होने से अंधकार। सिसकती है रोज,रोज झिझकती है वह। युवा हो जाती है ऐसी पीड़ाओं को सह। रात... Hindi · कविता 168 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read व्याध सा आदमी ----------------------------------------- कथन से विपरीत सोचता है मन यदा-कदा। सोचता जो कहता नहीं आदमी सदा,सर्वदा। मन में मनुष्य के रहता है हिंस्र सिंह बकरी सा मिमियाता है स्वार्थ वास्ते। मनुष्य की... Hindi · कविता 215 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मातृ-दिवस पर व्यक्त दु:ख ---------------------------------------------------------- मातृत्व जन्म देने से है जुड़ा? या वात्सल्य के वरदान से गढ़ा? वात्सल्य कर्तव्य है या करुणा से उपजी प्रतिक्रिया? स्वाभाविक रक्षण की प्रेरणा,अनुवांशिक अभिक्रिया? जैविक कोशिकाओं का गुण-धर्म?... Hindi · कविता 159 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read विवाह ------------------------ विवाह क्या है एक आतिशबाज़ी ही? कुछ शब्द जो चीखते हैं किन्तु, सुनाई नहीं देते। रंग-बिरंगे रौशनी के चमकते झालर, जो दिखाई नहीं देते। अपरिभाषित आशीर्वचन और शाबाशी ही?... Hindi · कविता 170 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read वर्षों बाद तुम्हें देखा --------------------------------------------------- वर्षों बाद तुम्हें देखा आशंकित तमन्ना नगर देखने की थी। किन्तु, तुम बेतरतीब थे आज भी जंगल की तरह। तुम्हारे बेतरतीब ज़ुल्फों से ही तो हमें प्यार था। छूने... Hindi · कविता 205 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read लालटेन ---------------------------------------------------------- जन्म के पहले रौशनी अंधेरा था। अंधेरे में भटकता हुआ स्यात्। जलने के लिए न सामग्री थी न तेल। किन्तु,अंधेरा,रौशनी को जन्म देने की प्रक्रिया से भिज्ञ था। उसने... Hindi · कविता 294 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read रुदन,जाते वर्ष का --------------------------------------------------------------------- आदमी कोसता रहा सारा वर्ष। वर्ष ने आदमी को कोसा है। प्रयोगों को थोप दिया हम पर आदमी ने मनहूस दिन थे सारे इस वर्ष के । इस वर्ष... Hindi · कविता 280 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read राजनैतिक विरोध का चरित्र ---------------------------------------------------------- राजनैतिक विरोध का चरित्र दंगात्मक हो तो, प्रजातांत्रिक अनुशासन का है स्खलन। नेताओं का ही नहीं आदमी का भी है निम्न दर्जे का मानसिक पतन। विरोध का राजनैतिक स्वरूप... Hindi · कविता 169 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read राजनीति: अनेक संदर्भ ---------------------------------------------------------- धार्मिक। हिम के शिखर से उतार कर। चट्टानों से चोट खिलाकर। औषधयुक्त पवित्र जल गंगा का सुदूर हरिद्वार से और काशी से स्वर्ण-कलश में,चढ़ाकर कंधे पर। मँगवा लिया देवघर,... Hindi · कविता 416 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read ॥रक्तपात होना चाहिए॥ ----------------------------- रक्तपात होना चाहिए॥ पत्ते स्वयं झड़ते हैं, बुराइयाँ नहीं.... रक्त बहना ही चाहिए दोष तय करने के लिए। बचकर निकलना आदमी और जानवर दोनों के लिए आवश्यक है। पके... Hindi · कविता 269 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read युद्ध जरूरी है अभी ----------------------- लो,आदेश दिया कवि होते हुए भी, कोमल और करुण होते हुए भी। लो,संदेश दिया बूढ़ा होते हुए भी, अशक्त और बीमार होते हुए भी। लो,हौसला देता हूँ थका होते... Hindi · कविता 1 327 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read शुभकामनाओं से शुरू हुआ वर्ष यह --------------------------------------------- शुभकामनाओं से शुरू हुआ वर्ष यह। बधाई संदेशों से होगा संपन्न यह। अच्छी सोच और अच्छे विचार टहलते रहेंगे आदमी के मन में। समता की बातें करते हुए मिलेंगे... Hindi · कविता 130 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मुकरियाँमेरे द्वारा बिन इसके जीना क्या जीना! घुट-घुट केवल आँसू पीना। ताना सुनना,सब दिन वादी। कि सखि साजन? न सखी आजादी। हर पल उसकी बाट जोहती। मन,मन उसको खूब मोहती। जिसने है... Hindi · कविता 180 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read मृत्यु --------------------------------------------- पता नहीं मृत्यु को ‘पूरा’ है या अधूरा। खुद को याद नहीं रखता मृत्यु। मन में कोई अवसाद नहीं रखता मृत्यु। जीवन पूरा हो जाता है यहाँ, चाहे जितना... Hindi · कविता 232 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read काम* मैं तुम कामिनी ---------------------------- मैं चाँद हूँ तुम चाँदनी। मैं कंत हूँ तुम भामिनि। मैं राग हूँ तुम रागिनी। इतनी उतावली यमिनी। क्योंकि काम* मैं तुम कामिनी। तरुवर छटा बिखेरता। मुझ चाँद को... Hindi · कविता 225 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read मेरी हत्या करोगे? ----------------------------------- मैं लोगों से चाहता हूँ नफरत करना। काश! अच्छा लगता मुझे नफरत करना। स्नेह और दुलार से वंचित रहने दिया मुझे,इसलिए। किसी ने मेरी परवाह नहीं की,इसलिए। मैं बुझा... Hindi · कविता 388 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मेरी जीवन व्यवस्था ------------------------------- प्रारंभ पढ़ाई-लिखाई से नहीं कमाई से, होता है जीवन। वह दसवें वर्ष में इसलिए जवान हो गया। और मैं तिसवे वर्ष में इसलिए। शिक्षा का उजाला मुझे इतने दिनों... Hindi · कविता 215 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मिट्टी खोदकर तुमने मिट्टी खोदकर तुमने कंद,मूल,जड़ी-बूटी निकाले। मिट्टी खोदकर हमने निकाला स्वर्ण। तुम इतना ही क्यों कर पाये? मंदिरों में लेटकर साष्टांग, तुमने प्रार्थनाएँ की। मंदिरों में लिटाकर साष्टांग, हमने दक्षिणा वसूले।... Hindi · कविता 169 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मानवता मानव का ----------------------------------- तन से मानव,मन से मानव। आप नहीं क्या प्रण से मानव? मानवता दिखलाना पड़ता। दु:ख में साथ निभाना पड़ता। मानवता की कुछ शर्तें हैं। घृणा,द्वेष गहरी गर्ते हैं। उनसे... Hindi · कविता 126 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मानवता मानव का ----------------------------------- तन से मानव,मन से मानव। आप नहीं क्या प्रण से मानव? मानवता दिखलाना पड़ता। दु:ख में साथ निभाना पड़ता। मानवता की कुछ शर्तें हैं। घृणा,द्वेष गहरी गर्ते हैं। उनसे... Hindi · कविता 193 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मानवता ईश्वर का गुण ------------------------------------- सूरज की किरणें,जीवन का संकल्प है। पृथ्वी से इतर सारे ग्रहों पर गल्प है। जीव ईश्वर का गतिज-यंत्र तो नहीं! और शक्ति-दाता सूर्य,तंत्र तो नहीं। प्राण का विश्लेषण है... Hindi · कविता 403 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read माँ (अरुण कुमार प्रसाद) -------------------------- रोती है माँएँ। संतान वास्ते अति। जन्म देकर। खोती है माँएँ। अपना सुख चैन। सोती है माँएँ। अधूरी नींद। तनिक सी पीड़ा से। संतान की वे... Hindi · कविता 352 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read माँ शारदे! ======================= माँ शारदे! दे ममत्व का दान मुझे। वरद हस्त मेरे मस्तक पर देवि तू धर दे। मेरे संबल,बुद्धि,बल का ज्ञान करा दे मुझे। वर दे सहस्त्र शत बार मुझे।... Hindi · कविता 178 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read महान राष्ट्र ------------------------------ स्थिर हो राष्ट्र तो, महान होने की संभावना तो है। पर, होनी चाहिए प्रतिबद्धता स्थिर। खण्डित मन में राजनीति नहीं। और राजनीति में खण्डित मन नहीं। महानता शब्द में... Hindi · कविता 190 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read सीधी लाईन का मातृ-दिवस -------------------------------------------------------------- मातृत्व जन्म देने से है जुड़ा? या वात्सल्य के वरदान से गढ़ा? वात्सल्य कर्तव्य है या करुणा से उपजी प्रतिक्रिया? स्वाभाविक रक्षण की प्रेरणा,अनुवांशिक अभिक्रिया? जैविक कोशिकाओं का गुण-धर्म?... Hindi · कविता 461 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read भोग की नियति तो है ही ध्वंस ------------------------------------- भोग की नियति तो है ही ध्वंस मैं राम हूँ। परंपरा निभाता हुआ राम। मेरा अस्तित्व किन्तु, है रावण। संस्कारगत लाम। भोग की नियति तो है ही ध्वंस। जीवन... Hindi · कविता 170 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read बोध,कर्तव्य का ----------------------- कर्तव्यच्युत नहीं होते कभी तरु,तरुवर;घास-फूस भी। निर्धारित है उनका कर्तव्य। अंकुरण से मरण तक! मिट्टी से सोखकर सत्त्व हमारे भरण तक। बोध भी उनको। भूले तुम क्यों? ठेकेदार बुद्धि... Hindi · कविता 277 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read पैमाना, दु:ख का (अरुण कुमार प्रसाद) -------------------------------------------- मुझे भोजन नहीं मिला मैं दु:खी हूँ। मुझे वस्त्र नहीं मिला मैं दुखी हूँ। मुझे छत नहीं मिला मैं दुखी हूँ। ये मौलिक दु:ख हैं। दु:ख... Hindi · कविता 155 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 2 min read पन्द्रह अगस्त ------------------ विश्व तुम्हारे लिए अंक का संयोजन होता पन्द्रह अगस्त। किन्तु,हमारे लिए राष्ट्र का होता यह दिन अति ही पवित्र। आजादी का तिलक लगाकर फिर आयेगा पन्द्रह अगस्त। बलिदानों की... Hindi · कविता 230 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read देवकी, तुम माँ नहीं हो सकती - -----------------------अरुण कुमार प्रसाद देवकी, तुम माँ नहीं हो सकती। नहीं हो सकती तुम माँ,यशोदा की अपेक्षा। हाँ,तुम माँ हो, क्योंकि,तुमने किया प्रवृत वसुदेव को। विचार किया और संतान की,की रक्षा।... Hindi · कविता 1 1 230 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read संकल्प प्रीत का -------------------------------------------- देखा मैंने तुम्हें अंधेरे से निकलती हुई प्यार बरबस दिल के अंदर भर गया। तुम्हारे चेहरे पर डरा हुआ देखा तुम्हें सारे हौसले देने तुम्हें दिल मचल गया। तुम्हारे... Hindi · कविता 192 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read दर्पण की तलाश ------------------ सामने दर्पण के खड़े होने से डरता है आदमी। क्षणभर में ही हजारों मौत मरता है आदमी। आ जाता है तमाम सारा करतूत सामने जीवन भर जो-जो करता है... Hindi · कविता 174 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read तुम्हारे द्वार पर चिट्ठी हमारा रख गया होगा ----------------------------------------------- --------- तुम्हारी खिड़कियों से चाँद ने झाँका तुम्हें कुछ कह गया होगा. तुम्हारे द्वार पर चिट्ठी हमारा रख गया होगा. अवध की शाम में झंकृत वो वीणा कस गया होगा.... Hindi · कविता 133 Share Previous Page 2 Next